- भाजपा अपने कार्पोरेट दोस्तों की खुशी के लिए देश के जनतक क्षेत्र के कार्यालयों को निजि हाथों में सौंपने के रास्ते पर चली : परनीत कौर
पटियाला, 16 मार्च : पटियाला से सांसद मैंबर श्रीमति परनीत कौर ने यूनाईटिड फोर्म ऑफ बैंकस यूनियन द्वारा बैंकों की राष्ट्रीय हड़ताल को अपना समर्थन भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार द्वारा जनतक क्षेत्र के बैंकों के निजिकरण के रास्ते पर चलने, जैसे के केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने बजट भाषण में एलान किया था कि करड़ी अलोचना की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को लिखे अपने पत्र में श्रीमति परनीत कौर ने मुद्दा उठााया है कि बैंकों के निजिकरण के साथ बेकाबू होने वाले हालात, देश के लोगों के लिए सुरक्षित बैंकिंग के दरवाजे बंद करने वाला कदम साबित होगा जबकि बैंकों को आम लोगों के लिए बैंकों की बजाए एक खास वर्ग के लोगों के लिए बैंक बनाने वाला साबित होगा।
पटियाला से सांसद मैंबर ने अपने पत्र में केन्द्रीय वित्त मंत्री को बैंक यूनियनों की मांगो प्रति हमदर्दी वाला रवैया धारन करने पर जोर देते आगे कहा कि वह, उन 10 लाख बैंक अधिाकारियों व कर्मचारियों की इस हड़ताल को अपना समर्थन देते हैं, जो कि 15 और 16 मार्च को केन्द्र सरकार के जनतक क्षेत्र की बैंकों के निजिकरण के ऐलान विरुद्ध हड़ताल पर रहे थे।
अपना ब्यान जारी करते श्रीमति परनीत कौर ने आगे कहा कि जनतक क्षेत्र के बैंक अर्थ व्यव्स्था की गाड़ी के वह अहम पहीये हैं जो कि किसे भी समाज के हर उस व्यक्ति , चाहे कि वह व्यापारी, आम लोग और किसान या भूमी हीन किरती हों, की तरक्की और विकास के लिए जरूरी होते हैं। उन्होंने कहा कि इन बैंकों को निजिकरण न केवल इन लोगों के लिए मारू है बल्कि हमारे देश व लोगों के भी हितों के विरुद्ध हैं।
उन्होंने आगे निशाना साधा कि 51 वर्ष पहले ततकाली प्रधान मंत्री श्रीमति इंदरा गांधी ने निजि बैंकों का उस समय कौमीकरण किया जब निजि कार्पोरेट , लोगों की बचतों को देश के विकास के लिए नहीं थे इस्तेमाल कर रहे पर तब से ही पब्लिक सैक्टर के बैंकों ने देश की सर्वपक्षीय विकास के लिए अहम योगदान डाला है।
भाजपा की केन्द्रीय सरकार पर गुस्साई सांसद मैंबर ने कहा कि यह मौजूदा सरकार देश के हर उस आर्थिक वातावरण को निजिकरण करके तबाह करने पर तुली हुई है, जिस कारण निर्माण राष्ट्र ने लंबे अर्से में किया था। दूसरी ओर खेतीबाड़ी को भी निजि हाथों में सौंपने के लिए 3 किसान मारू काले कानून पास किए गए और अब यह पब्लिक सैक्टर के बैंकों के निजिकरण के साथ साथ एलआईसी को भी बेचने के रास्ते पर चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा यह कोशिशें केवल अपनी आर्थिक नाकामियों को छिपाना और इनके द्वारा देश के लिए लाई गई आर्थिक तबाही की भरपाई करने के नाकाम प्रयास हैं।
श्रीमति परनीत कौर ने आगे निशाना साधा कि भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्रीय सरकार केवल और केवल अपने कार्पोरेट दोस्त घरानों को खुश करने के लिए ही जनतक कार्यलयों को निजिकरण की तरफ धकेल रही है।उन्होने कहा कि यह भाजपा सरकार लोगों की सरकार नहीं रही केवल कापोरेट घरानों की सरकार बनने तक ही सीमित हो गई है। दूसरी ओर सरकार करोड़ों भारतीयों के अपने बैंकों को बचाने की बजाए बड़े उद्योगपतियों के कर्जे माफ करने पर लगी हुई है।
परनीत कौर ने मांग की कि केन्द्र सरकार को, पब्लिक बैंकों के निजिकरण की बजाए, हमारे देश की अर्थ व्यव्स्था की जीवन रेखा, जनतक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की ओर कदम उठाने चाहिए हैं।
