बाड़मेर के द्वारकाराम हत्याकांड मामले मे पुलिस कार्यवाही फिर संदेह के घेरे में है, मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पुलिस द्वारा जांच मे लापरवाही करने, केस डायरी पेश करने मे देरी करने व जांच मे अनावश्यक देरी करने के मामले मे कड़ी नाराजगी जताते हुए10 तारीख को बाड़मेर पुलिस उप-अधीक्षक को स्वयं हाई कोर्ट मे तलब किया
पीड़ित परिवार मामले में निष्पक्ष अनुसंधान के लिए CBI जांच की मांग कर रहे हैं। पीड़ित परिवार के अनुसार जांच अधिकारी एवं बाड़मेर पुलिस उप अधीक्षक महावीर प्रसाद शर्मा ने ना तो कोई दस्तावेज कंसीडर किए हैं, ना किसी हत्यारे की गिरफ्तारी की हैं, ना ही इस मामले की प्रॉपर जांच की है, आपको बता दें इस हत्याकांड के बाद गवाह पर हमला हो गया जिसकी एफआईआर भी पुलिस थाना शिव मे दर्ज हो गई है उसके बावजूद भी किसी भी हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया है व न ही पुलिस ने पीड़ित परिवार को कोई सुरक्षा दी है। इससे साफ जाहिर होता है की पुलिस की शय में हत्यारे बेखौफ हैं , पीड़ित का कहना हैं कि मामले में पुलिस इस हत्याकांड से संबंधित डॉक्यूमेंट भी कंसीडर नहीं कर रही हैं तथा इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर महावीर प्रसाद शर्मा, पुलिस उप-अधीक्षक बाड़मेर द्वारा बार-बार मृतक द्वारकाराम के पीड़ित परिजनों पर यह दबाव बना रहे हैं कि आप हाईकोर्ट से मामला वापस ले लो तो कुछ कार्यवाही हो जाएगी अन्यथा कार्यवाही नहीं होगी। जो पूरी तरह अवैधानिक कृत्य है तथा इससे साफ जाहिर है कि पुलिस इस मामले में हत्यारे लोगों को बचाना चाहती हैं तथा पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं करना चाहती है जो कि पीड़ित को अधिकार हैं।
इस मामले में 10 दिसंबर 2020 को जांच अधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक बाड़मेर को व्यक्तिगत रुप से केस डायरी और अन्य सभी रेलीवेंट डॉक्युमेंट्स सहित माननीय राजस्थान हाईकोर्ट में तलब किया है।
हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण ब्राह्मण समाज ने पूर्व में पुलिस अधीक्षक बाड़मेर, जिला कलेक्टर बाड़मेर एवं पुलिस महा निरीक्षक, रेंज जोधपुर को ज्ञापन देकर रोष भी प्रकट किया था तथा अब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने एवं इस मामले का खुलासा नहीं होने के कारण पूरे समाज में रोष व्याप्त है।