छिन्दवाड़ा (भगवानदीन साहू)- सामाजिक कार्यकर्ता भगवानदीन साहू के नेतृत्व में अन्य सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय गृहमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर स्व. अशोक सिंघल की अंतिम इच्छा पूर्ण करने की मांग की ज्ञापन में बताया कि, अखिल भारतीय विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष स्व0 श्री अशोक सिंघल की दो अंतिम इच्छाऐं थी। प्रथम भव्य राम मंदिर बने, द्वितीय देश में साधु संतो पर हो रहे अत्याचार जिसमें संतश्री आशारामजी बापू की जेल से शीघ्र रिहाई हो। राममंदिर का शिलान्यास हो चुका है, लेकिन पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के साथ न्याय नहीं हो रहा है, साथ ही देश भर के साधु संतो पर अत्याचार हो रहा है। उनकी निर्मम हत्या की जा रही है। अशोक सिंघल जी जब जिवित थें, तब संतश्री आशारामजी बापू से मिलने जोधपुर जेल गये थे, स्थानीय मिडिया की हेड लाईन बनी थी। राममंदिर शिलान्यास के शुभ अवसर पर जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास जी, भारतीय जनक्रांति दल आयोध्या के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. राकेश शरण, आयोध्या संत समिति के महामंत्री महंत पवन कुमारदास शास्त्री, राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद के प्रभारी डाॅ. श्री कृष्णपुरी, महंत चिन्यामन दास आदि संत समाज के लोगों ने पूज्य बापूजी को निर्दोष बताकर जेल से शीघ्र रिहाई की मांग की। पूज्य बापूजी के प्रकरण में पेरवी करने वाले संविधान विशेषज्ञ डाॅ. सुब्रमुहिनयम स्वामी ने जोधपुर कोर्ट में आरोप लगाने वाली लड़की के मोबाईल काॅल डिटेल पेश की, जिसमें तथाकथित घटना के समय लड़की अपने पुरूष मित्र के साथ 1 घंटा मोबाइल में व्यस्त थी और बापूजी मंगनी के कार्यक्रम में थें। डाॅ. स्वामी ने तो यहाॅं तक कहा कि इतना फर्जी केस मैंने जीवन में कभी नहीं देखा इस प्रकरण के पीछे धर्मान्तरण वाले एवं राजनीतिक पार्टी का हाथ है। पूज्य बापूजी के प्रकरण से देश की छवि पुरे विश्व में खराब हो रही है, भारतीय संत समाज और 90 करोड़ लोगों की आस्था का केन्द्र साधु संतो पर हो रहे अत्याचार पर शीघ्र रोक लगायी जायें। ज्ञापन देते समय साध्वी नीलू बहन, साध्वी रेखा बहन, साध्वी प्रतिमा बहन, समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई, विश्व हिन्दू परिषद के विशाल चउत्रे, बजरंग दल के नितेश साहू, कुंबी समाज के युवा नेता अंकित ठाकरे, पवार समाज के प्रमुख हेमराज पटले, युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोडे, पी.आर. शेरके, एम.आर. पराड़कर, कलार समाज के सुजीत सूर्यवंशी, सुमन दोईफोड़े, विमल शेरके, छाया सूर्यवंशी, डाॅ. मीरा पराड़कर, करूणेश पाल, शकुन्तला कराड़े, वनिता सनोड़िया आदि मुख्य रूप से उपस्थित थें।
