चंडीगढ़ (पीतांबर शर्मा) : कोरोना महामारी के कारण होटल और बार उद्योग को हुए नुक्सान के मद्देनजऱ पंजाब के मंत्रियों के समूह की तरफ से अप्रैल से सितम्बर, 2020 महीनों के अनुपात में साल 2020-21 के लिए बारों (महखान्यों) की सालाना लायसेंस फीस माफ करने के लिए मुख्यमंत्री को सिफ़ारिश करने का फ़ैसला किया गया है।
मंत्रियों के समूह ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखने का फ़ैसला भी किया कि बारों से पहली दो तिमाही भाव अप्रैल-जून और जुलाई-सितम्बर, 2020 के लिए वसूली जाने वाली फ़ीसें माफ की जा सकती हैं।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मंत्रियों के समूह की तरफ से यह फ़ैसला सोमवार को यहाँ होटल एंड बार ऐसोसीएशनज़ एंड मैरिज पेलेस ऐसोसीएसनज़ के नुमायंदों के साथ मीटिंग के बाद लिया गया।
एसोसीएशनों ने मंत्रियों के समूह, जिसमें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया और वन और प्रिंटिंग और स्टेशनरी मंत्री साधु सिंह धर्मसोत शामिल हैं, के आगे अपनी मुश्किलें रखी।
ऐसोसीएशनज़ ने कहा कि कोविड -19 महामारी के कारण होटल, रेसतरां और मैरिज पेलेस मार्च 2020 से बंद पड़े हैं, जिस कारण उनको भारी नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक कारोबार ठप पड़ा है, जिस कारण वह मंत्रियों के समूह को अपनी समस्याएँ बताने आए हैं।
होटल और मैरिज पेलेस उद्योग की समस्याएँ सुनने के बाद मंत्रियों के समूह ने सालाना लायसेंस फीस माफी सम्बन्धी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को सिफ़ारिश करने का फ़ैसला किया।
ऐसोसीएशनज़ की तरफ से बारों और समागम कराए जाने के लिए समय सीमा रात के 10 बजे तक बढ़ाए जाने की माँग भी रखी। मंत्रियों के समूह की तरफ से बार और होटल खोलने की समय सीमा बढ़ाने के मसले को बुधवार (9 सितम्बर, 2020) को होने वाली अगली कैबिनेट मीटिंग में उठाने का फ़ैसला किया गया।

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