राजस्थान में करीब एक माह से चल रहे सियासी संकट का समाधान निकलने से कांग्रेस ने राहत की सांस ली है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बागी तेवर अख्तियार किए हुए सचिन पायलट के साथ चर्चा के बाद पूरी तरह से बिगड़ती लग रही बात बन गई और पूर्व उपमुख्यमंत्री की ससम्मान ‘घरवापसी’ का रास्ता साफ हुआ. इसके घटनाक्रम के साथ ही अशोक गहलोत की सरकार पर मंडरा संकट टल गया और राजस्थान में सियासी उलटफेर की उम्मीद लगा रही बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फिर गया.
सीएम अशोक गहलोत के समर्थक विधायक जयपुर लौट रहे हैं. सचिन पायलट खेमे के विधायक पहले ही वहां पहुंच चुके हैं. कांग्रेस के विधायकों की बुधवार को मीटिंग प्रस्तावित है, यहां गहलोत और पायलट खेमे के विधायकों का आमना सामना भी हो सकता है.
गहलोत के समर्थक इन विधायकों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो बस में मस्तीभरे मूड में गाने गाते नजर आ रहे हैं. ये विधायक बस से जैसलमेर एयरपोर्ट जा रहे थे, जहां से उन्हें जयपुर के लिए फ्लाइट लेनी थी.
सियासी संकट का हल निकलने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, अब विधायकों को ‘Forget and Forgive’ के रास्ते पर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘अब भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो. देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में, डेमोक्रेसी के हित में’. उन्होंने कहा कि ‘यह डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई है. ऐसे में सभी भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जीत प्रदेश के लोगों की जीत है. उन्होंने कहा कि ‘पूरे प्रदेशवासियों ने हमारे विधायकों को फोन कर-करके हौसलाअफजाई की है. उन्होंने कहा कि सरकार स्थिर होनी चाहिए. ऐसे में हमें दोबारा दोगुनी शक्ति से उनकी सेवा करनी है.’
सचिन पायलट के समर्थक विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह टेस्ट मैच था जो ड्रॉ हो चुका है. उन्होंने कहा, ‘हम बागी नहीं हैं. हमने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा था. मैंने मजाकिया तौर पर कहा था कि यह एक टेस्ट मैच है. अब मैच ड्रॉ हो चुका है और हम अब फिर पवेलियन में लौट आए हैं.’
14 अगस्त तक राजस्थान में होने वाली हर सियासी घटनाक्रम को अहम माना जा रहा है. 14 अगस्त से राजस्थान का विधामसभा सत्र होना है.
कांग्रेस पार्टी में हुए नए घटनाक्रम के बाद बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल दी है. राजस्थान में बीजेपी विधायक दल की बैठक गुरुवार को जयपुर के पार्टी कार्यालय में होगी. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि पिछले महीने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के बागी तेवर अपनाने के बाद राजस्थान में सियासी संकट शुरू हो गया था.पायलट अपने 19 विधायकों के साथ हरियाणा और दिल्ली में थे.
सोमवार को इस मामले में उस समय नाटकीय बदलाव आया जब पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी और अपनी बात रखी. इसके बाद सुलह हो गई. जिसके बाद पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने राजस्थान लौटने का निर्णय लिया और संकट के बाद ऑल इज वैल की स्थिति बन गई.
इस बीच राजस्थान के हाल के घटनाक्रम पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा, राजस्थान में भले ही कांग्रेस सरकार हाल में विधायकों की बगावत से बच गई लेकिन कोई नहीं जानता कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच फिर कब से ‘ड्रामा’ शुरू हो जाए.