दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल निगम मेट्रो ट्रेनों के संभावित संचालन को लेकर अपनी ओर से पूरी तैयारी कर चुका है, अब सिर्फ केंद्र सरकार की अनुमति का इंतजार है। ऐसे में 4 महीने से भी अधिक समय से ठप दिल्ली मेट्रो के जल्द ही रफ्तार भरने की उम्मीद जगने लगी है। डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (जनसंपर्क) अनुज दयाल के की मानें तो संक्रमण से बचाव के सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। जैसे ही ऊपर से परिचालन शुरू करने के लिए हरी झंडी मिलती है यात्रियों को सेवाएं मुहैया कराई जाने लगेंगीं।
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते DMRC ने मेट्रो स्टेशन परिसर से लेकर ट्रेनों तक में तमाम इंतजाम किए हैं। इसके तहत शारीरिक दूरी के लिए कोच में एक सीट छोड़कर दूसरी सीट पर स्टीकर लगाए गए हैं, जिसका पर साफ-साफ लिखा है- यहां पर बैठना मना है। इसी के साथ यह भी तय हुआ है कि फिलहाल मेट्रो चालू होने के साथ सिर्फ 50 फीसद यात्री ही सफर कर पाएंगे। इसका मतलब 5 कोच की मेट्रो ट्रेन में सिर्फ 200 तो 6 कोच की ट्रेन में 300 यात्री ही सफर कर सकेंगे। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मेट्रो संचालन के मुद्दे पर कहा था कि ट्रेनों के संचालन की अनुमति के साथ फिलहाल स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही मेट्रो में यात्रा करने दी जाएगी।
मेट्रो ट्रेन में यात्रा करने के दौरान लोगों को जांच से पहले बेल्ट और पर्स खुद हटाना होगा।
हर यात्री को मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
सफर के लिए मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप अनिवार्य रूप से डाउनलोड करना होगा।
मेट्रो के जिन यात्रियों में फ्लू के लक्षण होंगे, उन्हें यात्रा नहीं करने दिया जाए।
मेट्रो स्टेशन के गेट यानी एंट्री और एग्जिट गेट पर हैंड सैनेटाइज़र और हैंडवाश का इंतजा होगा
प्रत्येक मेट्रो स्टेशन में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था होगी
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 22 मार्च से ही दिल्ली मेट्रो की सेवाएं बंद हैं।
दिल्ली मेट्रो को संचालन नहीं होने से दिल्ली मेट्रो रेल निगम को रोजाना 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इस तरह 4 महीने से मेट्रो ट्रेनों का संचालन नहीं होने के चलते डीएमआरसी को 1300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
15 अगस्त के बाद मेट्रो ट्रेनों के संचालन की अनुमति मिली तो जहां एक ओर डीएमआरसी की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, वहीं यात्रियों को भी राहत मिलेगी।