दिल्ली के स्पेशल सेल ने 32 करोड़ की हेरोइन के साथ इंटरस्टेट गैंग के ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया है। तस्कर की पहचान झारखंड के चतरा जिला निवासी संतोष कुमार सिन्हा के रूप में हुई है। वह यूपी के तस्करों के साथ मिलकर हेरोइन की तस्करी कर रहा था। चतरा के नक्सल प्रभावित इलाके में उगाइ गई अफीम से हेरोइन बनाई जाती थी। बाद में इसकी सप्लाई दिल्ली-एनसीआर समेत देश के बाकी हिस्से में की जाती थी। तस्कर के पास से 8 किलो हेरोइन बरामद हुई है। पुलिस अब गैंग के नेटवर्क की तलाश में जुटी है।
स्पेशल सेल के डीसीपी सजीव कुमार यादव ने बताया, पुलिस लगातार ड्रग्स तस्करों पर नजर रख रही है। कई टीमों को इस काम में लगाया गया है। छानबीन के दौरान पुलिस को झारखंड से दिल्ली-एनसीआर के रूट नेटवर्क को खंगालना शुरू किया। इसी कड़ी में तस्कर के बारे में जानकारी मिली। पता चला कि झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले चतरा, सरायकेला और पलामू इलाके में अफीम की खेती की जा रही है। नक्सलियों के इशारे पर अफीम से हेरोइन बनाकर देशभर में ऑन डिमांड सप्लाई की जा रही है। झारखंड का एक तस्कर हेरोइन की खेप के साथ दिल्ली आ रहा था। इसकी सूचना पर इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की टीम ने 10 अगस्त को रोहिणी सेक्टर-3 इलाके से तस्कर संतोष कुमार सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में तस्कर ने बताया कि जल्द रुपये बनाने के चक्कर में पहले गांव के मुकेश के साथ मिलकर उसने ड्रग्स की तस्करी शुरू की थी। बाद में खुद का नेटवर्क बनाया। वह उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले फुरकान और नेता नाम के तस्कर के साथ मिलकर काम कर रहा था। संतोष कच्ची अफीम खरीदता था। बाद में उससे हेरोइन बनाकर उसकी सप्लाई करता था। गिरफ्तारी से बचने के लिए तस्कर गिरोह हेरोइन सप्लाई के लिए हर बार अलग-अलग रूट और ट्रेन का इस्तेमाल करता था। तीन साल से हेरोइन की तस्करी कर रहा है। पुलिस अब तस्कर और नक्सलियों के बीच गठजोड़ को स्थापित करने के लिए छानबीन कर रही है।