ब्यूरो। दिल्ली में स्थिति सुधर रही है, कोरोना हारता हुआ दिख रहा है। लेकिन यह जंग अभी खत्म नहीं हुई है। अगर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी, मास्क का इस्तेमाल किया और कोई बड़ा कोरोना विस्फोट नहीं हुआ तो सितंबर खुशखबरी ला सकता है। खुशखबरी यह होगी कि दिल्ली में कोरोना के ऐक्टिव केस सिर्फ 1000 रह सकते हैं।
शनिवार को दिल्ली में 1198 मरीज आए और 1201 ठीक हुए। दिल्ली का रिकवरी रेट 90% के करीब पहुंच गया है। फिलहाल दिल्ली में 10705 कोरोना ऐक्टव केस हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि किस हिसाब से कोरोना केस घटे हैं और ठीक होने का प्रतिशत सुधर रहा है सितंबर तक यहां सिर्फ 1 हजार एक्टिव मरीज बचेंगे। अगर ऐसा रहा तो यह बहुत राहत की बात होगी। दिल्ली में अबतक 90 प्रतिशत यानी 1,22,131 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं।
सील इलाके यानी कंटेनमेंट जोन घटकर 496 रह गए हैं। सोमवार को इनकी संख्या 715 थी। अब आखिरी केस आने के 14 दिन बाद कंटेनमेंट जोन डीसील होगा। पहले यह 28 दिन बाद होता था। अगर किसी गली में केस है तो उस गली और आसपास को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा, न कि पूरे इलाके को। असर यह कि अब 496 जोन में 106,211 लोग कंटेनमेंट में रह गए हैं। पहले यह आबादी 3.5 लाख के करीब थी।
जून से पहले दिल्ली में कोरोना के मामले लगातर बढ़ रहे थे। हालात ये थे कि ऐक्टिव केसों के मामलों में भारत दूसरे नंबर पर आ गया था। लेकिन अब दिल्ली की स्थिति सुधरी है। फिलहाल भारत में एक्टिव केसों के मामलों में दिल्ली 12वें नंबर पर पहुंच गई है, यानी यहां ऐक्टिव केस बाकियों के मुकाबले कम है। यह स्थिति पिछले डेढ़ महीने में ही सुधरी है।
कोराना ट्रांसमिशन रेट या रिप्रोडक्शन रेट (R-value) अब 1 के नीचे आ गई है। जुलाई में यह वैल्यू 0.66 रही। इसका मतलब है कि हर 100 संक्रमित लोगों के ग्रुप ने 66 लोगों में ही वायरस फैलाया। महामारी में R-Value का 1 के नीचे आना अच्छा माना जाता है लेकिन अभी दिल्ली को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।