दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 4 महीने से भी अधिक समय से बंद दिल्ली मेट्रो को 1300 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो चुका है। रोजाना 10 करोड़ रुपये का घाटा झेलने वाले दिल्ली मेट्रो रेल निगम के पास जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी की किस्त चुकाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। डीएमआरसी ने इस बाबत केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी, लेकिन उसने कर्ज चुकाने के लिए पैसे देने से साफ मना कर दिया है। इसी के साथ दिल्ली सरकार के पास पैसे चुकाने के लिए गुहार लगाई है।
इस बीच सोमवार को मेट्रो बोर्ड के निदेशकों की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें कई अहम मुद्दों पर बात होगी। इसमें इस प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी, जिसमें कर्च चुकाने के लिए दिल्ली सरकार से गुहार लगाने की बात है। कहा जा रहा है कि बैठक के बाद डीएमआरसी दिल्ली सरकार के पास प्रस्ताव भेजकर लोन चुकाने में मदद करने के लिए गुहार लगाएगा। इससे पहले डीएमआरसी ने केंद्र सरकार से मदद के लिए कहा था। इस पर केंद्र ने डीएमआरसी को निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार से लोन चुकाने के लिए कहे। डीएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि अगले सप्ताह दिल्ली सरकार के पास यह प्रस्ताव भेजा जाएगा।
>कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले 4 महीने से भी
अधिक समय से दिल्ली मेट्रो बंद है।
>डीएमआरसी ने जिका से कुल 35,198 करोड़ रुपये का लोन
लिया है, जिसे मेट्रो को 30 साल में चुकाना है।डीएमआरसी ने
अब तक 3337 करोड लोन चुकाए हैं। जिसके बाद 31,861
करोड का लोन बकाया है।
>वित्त वर्ष में डीएमआरसी को 1,242.83 करोड़ का लोन
भरना है लेकिन अब तक सिर्फ 79.19 करोड ही चुका पाया
है। शेष 1163.64 करोड लोन इस वित्त वर्ष का बकाया है।
>पिछले दिनों केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने डीएमआरसी
को निर्देश दिया कि वह दिल्ली सरकार से लोन चुकाने के
लिए कहे।
> 22 मार्च से दिल्ली मेट्रो का परिचालन बंद है। तकरीबन 2
दशक से दिल्ली की सेवा दे रही दिल्ली मेट्रो के लिए यह
पहला मौका है जब वह पूरी तरह से बंद है।