चंडीगढ़ (पीतांबर शर्मा) : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा ‘पंजाब का गौरव’ प्रोग्राम का आगाज किया जोकि युवक सेवाएं और खेल विभाग और ‘युवाह’- जोकि यूनीसेफ, यू.एन. एजेंसियों, सिविल सोसायटी के संगठनों और निजी क्षेत्र का उद्यम है, का साझा प्रयास है।
पंजाब के युवाओं के लिए सर्वोत्तम मौके मुहैया करवाने पर केन्द्रित इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत नौजवानों को उनके सपने पूरे करने और अपने भाईचारे में बदलाव के दूत बनने और इसके अलावा अन्य नौजवानों को अपने जीवन का मकसद हासिल करवाने के लिए मदद की जायेगी। इस उद्यम की शुरुआत यू-रिपोर्ट की मदद से किये जाने वाले एक सर्वेक्षण से की जायेगी जिसमें युवाह और यूनीसेफ भी मददगार होंगे और पंजाब के नौजवान वर्ग को पेश चुनौतियों की सुनवाई करते हुए उनकी इच्छाएं जानने की कोशिश करेंगे।
पंजाब के लिए यू-रिपोर्ट को राज्य के नौजवानों के जीवन के लिए बेहद असरदार साबित होने वाली नीतियाँ निर्धारित करने और समस्याओं के हल ढूँढने के पक्ष से बेहद अहम मौका बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत युवा वर्ग के लिए रोजगार मुहैया करने और उनके अंदर छिपी उद्यमता की भावना को उजागर करने के लिए पंजाब सरकार, यू.एन. एजेंसियाँ, निजी क्षेत्र और सिविल सोसायटी संगठनों द्वारा गंभीर प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि युवाह साझेदारी द्वारा अपने करियर गाइडेंस पोर्टल के जरिये अब तक पूरे भारत में 15 मिलियन युवाओं को अपना करियर संवारने के लिए मौके मुहैया करवाने में मदद की गई है और जल्द ही यह सुविधा पंजाब के नौजवानों को बिना किसी कीमत के हासिल होगी।
मुख्यमंत्री ने रोजगार उत्पत्ति को अपनी सरकार की एक बेहद अहम पहल बताते हुए कहा कि इसके द्वारा घर घर रोजगार योजना के अंतर्गत राज्य के नौजवानों के लिए लाखों नौकरियाँ मुहैया करवाई गई हैं। उन्होंने आगे जानकारी दी कि लॉकडाउन के दौरान भी 13 हजार नौकरियाँ और 22 हजार स्व-रोजगार के साधन राज्य के नौजवानों को उपलब्ध करवाए गए थे। 7वें रोजगार मेले सम्बन्धी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चालू है और इस रोजगार मेले से 50 हजार नौकरियाँ पैदा किए जाने की उम्मीद है।
पंजाब के आर्थिक विकास के लिए उद्योगीकरण, जिसकी दौड़ में अपने विभाजन के दौरान राज्य अपना औद्योगिक क्षेत्र हरियाणा के हाथों गंवा बैठा था, की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के बाद के माहौल में पंजाब के उद्योगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए मोंटेक सिंह आहलूवालीया समिति भी प्रयास कर रही है। इस अवसर पर खेल और युवक सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी भी उपस्थित थे।
