जिला जेल में बंदी भाईयों को रक्षासूत्र भेंट कर मनाया रक्षाबंधन पर्व
छिन्दवाड़ा (सुशील सिंह परिहार)- श्री योगवेदांत सेवा समिति की बहनों ने प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिला जेल के बंदी भाईयों को रक्षासूत्र भेंट कर रक्षाबंधन पर्व मनाया। समिति की बहनों की यह गत 20 वर्षो की सेवा है। हर वर्ष, जेल में सतसंग एवं विधिवत पूजन होते रहा है। पर इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाया। जेल प्रशासन ने निवासरत सभी बंदी भाईयों के रक्षा सूत्र, मिठाई, फल एवं अक्षत कुमकुम स्वीकार किये एवं उन तक पहुचाने का कार्य किया। इस अवसर पर साध्वी रेखा बहन एवं साध्वी प्रतिमा बहन ने बंदी भाईयों को एक संदेश भिजवाया और बताया की – मनुष्य के जीवन में तीन प्रकार की जेल होती है। पहली माॅ के गर्भ की जेल, दूसरी सरकारी जेल, तथा तीसरी कर्म बंधनो की जेल जिसमें से मनुष्य प्रथम एवं द्वितीय जेल से रिहा हो जाता है, परन्तु तीसरी कर्मबंधनों की जेल मनुष्य को 84 लाख योनियों में भटकने पर मजबूर कर देती है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सावधानी पूर्वक कर्म करना चाहिए। इसे आप जेल ना समझे यह तप स्थली है। अपना ध्यान ईश्वर में लगाये। जिला जेल में लगभग 750 बंदी निवासरत है। कोरोना महामारी के कारण आवागमन के साधन वाधित होने के कारण बंदी भाईयों के परिवार से रक्षासूत्र आना मुश्किल है। इस वजह से समिति की बहनों ने यह पहल की, इस देवीय कार्य में गुरूकुल की संचालिका दर्शना खट्टर, सुमन दोईफोडे, विमला शेरके, डाॅ. मीरा पराड़कर, करूणेश पाल, शकुंतला कराडे, वनिता सनोडिया, कांता शेरके, छाया सूर्यवंशी, शारदा भोजवानी मुख्य रूप से उपस्थित थी। इस देवीय कर्य में खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई, समिति के अध्यक्ष मदन मोहन परसाई, युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोडे, पी.आर.शेरके, एम.आर. पराड़कर, सोमनाथ पवार, भूपेश पहाड़े आदि ने अपनी सेवाऐं दी। जेल प्रशासन ने सरकारी नियमों को ध्यान में रखते हुए रक्षाबंधन पर्व मनाने की अनुमति प्रदान की समिति की सभी बहनों ने जिला जेल अधीक्षक यजुवेन्द्र वाघमारे एवं जेलर राजकुमार त्रिपाठी को बहुत – बहुत साधुवाद प्रदान किया।
