दिल्ली (रफतार न्यूज डेस्क): ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अयोध्या में श्री राम मंदिर की आधारशिला रखने के समय को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की है और इसे अशुभ घड़ी बताया है।
उन्होंने कहा कि ये उन्हे यह चाह नहीं कि उन्हें कोई ट्रस्टी या पदाधिकारी बनाया जाए। वे राम भक्त हैं। राम मंदिर कोई भी बनाता है सही ढंग से बनाता है तो हमें प्रसन्नता होगी पर ये सब उचित तिथि और उचित मुहूर्त में होना चाहिए। जिस मुहुर्त में ये हो रहा है ये अशुभ घड़ी है।
5 अगस्त 2020 को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा। शंकराचार्य स्वरूपनंद सरस्वती का कहना है कि 5 अगस्त 2020 को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह, मंदिरारंभ कार्य निषिद्ध कहे गए है। उन्होंने इसके लिए विष्णु धर्म शास्त्र और नैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ का हवाला भी दिया है।
We don't want any position or to be a trustee of the Ram Temple. We only want that the temple should be built properly and the foundation stone should be laid at the right time, but this is an 'ashubh ghadi' (inauspicious time): Shankaracharya Swaroopanand Saraswati pic.twitter.com/9gwLl1ZzUP
— ANI (@ANI) July 23, 2020
शंकराचार्य स्वरूपनंद सरस्वती का यह बयान ऐसे में आया है जब मंदिर की आधारशिला रखने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त 2020 को अयोध्या जाने वाले हैं। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तारीख भी रामलला ट्रस्ट ने तय कर दी है। 5 अगस्त को भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यौता भी भेज दिया गया है।