छिन्दवाड़ा (भगवानदीन साहू)- सामाजिक कार्यकर्ता भगवानदीन साहू, के नेतृत्व में कई धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने महासचिव संयुक्त राष्ट्र संघ के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर संतश्री आशारामजी बापू की जेल से शीघ्र रिहाई की मांग की। ज्ञापन में बताया कि, संतश्री आशारामजी बापू भारत के एक महान संत है।100 वर्ष बाद भारत से स्वामी विवेकानंद के बाद संत 1983 में विष्व धर्म संसद शिकागो को सम्बोधित करने का गौरव प्राप्त है। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार इनके 11 करोड़ साधक 17,000 बाल संस्कार केन्द्र तथा 550 आश्रम है। सभी साधकों माता बहन एवं पत्नी होना स्वाभाविक है। इस प्रकार देश में इनके करोड़ों अनुयायी है। राजनीतिक द्वेष या किसी षड़यंत्र के तहत इनको झुठे केस में फसाकर जेल में यातनाऐं दी जा रहीं है। इन पर एक लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया हैं। आरोप लगाने वाली लड़की बालिक होने के बावजूद इन पर पाक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया। मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। जिस समय की लड़की घटना बता रहीं है, वो उस समय पुरूष मित्र के साथ एक घण्टे मोबाइल में व्यस्त थी। जिस स्थान पर तथाकथित घटना बताई जा रही है, उस समय पूज्य बापूजी वहां थे ही नहीं ऐसे सैकड़ो गवाह न्यायालय मेे पेश किये, पर किसी दबाव या षड़यंत्र के न्यायालय ने देखना उचित नहीं समझा। इस प्रकार देश के करोड़ों साधकों की धार्मिक आस्था का हनन किया जा रहा है, ज्ञापन के साथ समस्त सबूत एवं शपथ पत्र देकर उचित कार्यवाही की मांग की गयी। ज्ञापन देते समय साध्वी रेखा बहन, साध्वी प्रतिमा बहन, नारी रक्षा मंच से करूणेश पाल, समिति के अध्यक्ष मदन मोहन परसाई, युवा सेवा संघ के सोमनाथ पवार, शिक्षाविद विशाल चउत्रे, बजरंग दल के नितेश साहू, आधुनिक चिंतक हर्षुल रघुवंषी, कुंबी समाज के युवा नेता अंकित ठाकरे पवार समाज के वरिष्ठ हेमराज पटले भूपेश पहाड़े, ओमप्रकाश डेहरिया, सोमेश चरपे, हिमाशु तिवारी मुख्य रूप से उपस्थित थें।