मेलबोर्न (शाईना शर्मा): अंर्तराष्ट्रीय मंच पर भी चीन के बहिष्कार की कवायद तेज होती जा रही है. चीन पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है. अब ऑस्ट्रेलिया भी खुलकर भारत के पक्ष में आ गया है. ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फरेल ने बुधवार को कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नियम और तकाजे को लेकर स्थापित व्यवस्था का भारत और ऑस्ट्रेलिया पालन कर रहे हैं लेकिन चीन द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा.
ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फरेल ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहा है. जो आम सहमति और वार्ता के मुताबिक नहीं है. विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझा चिंताएं हैं.
उन्होंने कहा कि चीन ने अच्छा विकास किया है लेकिन ताकत और जिम्मेदारी साथ साथ होती है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के दौर में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए बने नियम और कानून की व्यवस्था की हिफाजत करने की जरूरत है. फरेल ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे लिए चिंता करने की वजह है कि हम इस प्रारूप का जितना पालन कर रहे हैं, चीन इसके लिए समर्पित नहीं है.
