चंडीगढ़ ।
हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के चलते संक्रमण की आशंकाओं के मद्देनजर प्रदेश की जेलों में कैदियों के दबाव को कम करने के लिए माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निर्णय लिया है कि जो कैदी अथवा बंदी पहले से ही पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर हैं, उनकी चार सप्ताह की विशेष पैरोल बढ़ाई जाएगी। इसी तरह, जो कैदी एक पैरोल या एक फरलो शांतिपूर्वक व्यतीत करके समय पर जेल में हाजिर हो गए, उन्हें भी छ: सप्ताह की विशेष पैरोल दी जाएगी।
जेल मंत्री ने बताया कि जिन कैदियों के पैरोल या फरलो के मामले पहले से ही जिलाधीश या मंडलाधीश के पास लंबित हैं, उनके केसों का भी सहानुभूतिपूर्वक नरम रुख अख्तियार करते हुए शीघ्र निपटान किया जाएगा। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे लंबित केसों में तीन से छ: दिन में आवश्यक रूप से निर्णय लिया जाए। उन्होंने बताया कि जो हवालाती बंदी अधिकतम सात वर्ष तक की सजा के अपराध में जेल में बंद हैं तथा उन पर कोई अन्य केस न्यायालय में लंबित नहीं है तथा उन हवालाती बन्दियों के विरुद्ध एक से अधिक केस भी लंबित हैं परन्तु उन मामलों में कुल मिलाकर अधिकतम 7 वर्ष से अधिक की सजा नहीं बनती तथा जिनका जेल में आचरण अच्छा है, उन्हें जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश या मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा जमानत पर रिहा किया जाएगा या फिर 45 से 60 दिन तक की अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।