चंडीगढ़ ।
हरियाणा के 15 जिलों के पांच-पांच गांवों और तीन शहरों सोनीपत, जींद और करनाल में ड्रोन्स के माध्यम से किए जा रहे बड़े पैमाने के मानचित्रण के कार्य के दायरे का विस्तार करते हुए सरकार ने इस कार्य को चरणबद्ध तरीके से सभी गांवों में करने का निर्णय लिया है। करनाल जिले का सिरसी गांव पहला ऐसा गांव है जिसे लाल डोरा मुक्त घोषित किया गया है। सिरसी गांव के बाद अब अगले 75 गांवों को शीघ्र ही लाल डोरा मुक्त घोषित किया जाएगा।
इस आशय का निर्णय राज्य में सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य की भू-संपत्तियों और अन्य विशेषताओं की कि जा रही मैपिंग की परियोजना की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक में लिया गया। बैठक में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे ।
यह भी बताया गया कि जिला सोनीपत में तीन गांवों, पंचकूला एवं करनाल में पांच-पांच गांवों, सिरसा एवं पानीपत में चार-चार गांवों और जिला फरीदाबाद में पांच गांवों के लिए आबादी-देह (लाल डोरा) का प्रारंभिक आधार नक्शा तैयार और मुद्रित किया जा चुका है। ये 26 गांव सात दिनों के भीतर आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित करने और इस तरह की आपत्तियों के समाधान या निपटान के लिए तैयार हैं। जिला विकास और पंचायत अधिकारी को अबादी-देह क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाएगा। इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों के लिए दी जाने वाली आईडी की तर्ज पर ही आबादी-देह में प्रत्येक संपत्ति या भूमि को यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। इस संबंध में विकास और पंचायत विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने जिला करनाल के सिरसी गांव को लाल डोरा मुक्त बनाने में सर्वे ऑफ इंडिया की टीम के उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।