मसला है राजनीति हमाम में सब नंगे हैं कोई किसी से कम नहीं है। सभी पार्टियां एक जैसी हैं। सब नेता एक जैसे दिखते हैं। सब नेताओं को कुर्सी चाहिये उसके लिये वो कुछ भी करेगा। सभी पार्टियां सत्ता चाहती है उसके लिये वो किसी से भी हाथ मिलाने के लिये तैयार हैं। बेवकूफ तो सिर्फ जनता है जो इन नेताओं और पार्टियों के लिये एक दूसरे से लड़ती है। ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है पिछले कुछ समय की ही बात करें तो तकरीबन सभी पार्टियों ने समझौता किया है दूसरी पार्टी से और अपने सिद्धांतों से भी । पिछले कुछ समय में ही नेताओं को इधर उधर होते देखा है तकरीबन सभी पार्टियों के नेताओं ने खूब दलबदल किया है।
आज हम बात इसलिये कर रहे हैं कि ताजा मामला ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये। पहली बात तो उनके इस कदम से पूरी मीडिया यही दिखा रही है और उसमें कई अहम मुद्दे दब गये हैं। अब सिंधिया के इस कदम को दो तरह से देखा जा रहा है बीजेपी वाले कह रहे हैं कि उनकी कांग्रेस में अनदेखी हो रही थी वहीं कांग्रेस कह रही है कि बीस सालों में बहुत कुछ दिया सिंधिया को कई पद दिये। इसके बावजूद सिंधिया ने भरोसा तोड़ा।
अब क्या है कि राजनीति में बैठे लोग ना तो सिद्धांतों की बात कर सकते हैं ना वफादारी की। कांग्रेस जब शिवसेना से हाथ मिला सकती है बीजेपी पीडीपी से हाथ मिला सकती है तो फिर काहे के सिद्धांत और काहे की विचारधारा। बीजेपी कांग्रेस मुक्त क्या सिर्फ कांग्रेस के नेताओं को बीजेपी में शामिल कर के ही कर सकती है। हरियाणा में एक दूसरे को जमकर कोसने वाली बीजपी और जेजेपी सरकार बनाने के लिये एक साथ हो सकते हैं तो इस देश की राजनीति में कुछ भी हो सकता है।
नेता लोग बहुत सयाने हैं इन्होनें अपना जुगाड़ करके रखना है। चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो। जनता को चुनाव के समय मूर्ख बनाया जाता है और जनता इनके झांसे में आती भी है। जनता को लगता है कि ये नेता सच बोल रहा है लेकिन उसे नहीं पता कि आपके सामने ये नेता कुछ और होते हैं और असलियत इनकी कुछ और ही होती है।
सुनने में तो ये भी आ रहा है कि एक विधायक की कीमत 35 करोड़ लगाई गई है। खेमा बदलने के लिये उपर से मंत्री पद या फिर कहीं औऱ सरकार में एडजस्ट भी किया जायेगा। इतनी कीमत देखकर सुनकर ज्यादातर नेताओं का दीन इमान आजकल डोल रहा है। हमारे देश को दुश्मनों की जरूरत नहीं है यहां डकैत बैठे हैं। अगर एक विधायक को 35 करोड़ में खरीदा जायेगा तो वो पैसा कहां से आया या कहां से वो इक्कठा करेंगे ये आप सब जानते हैं। यहां वो बात फिट बैठती है – हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था…