हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला दिए कि ‘‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’’ के तहत पात्र परिवारों का डाटा 15 मार्च, 2020 तक अपलोड करवाना सुचिश्चित करें ताकि सरकार की तरफ से दी जाने वाली 6000 रुपये की वार्षिक सहायता की 2000 रुपये की अंतिम किस्त 31 मार्च, 2020 से पहले लाभपात्रों के बैंक खातों में डाली जा सके। इस योजना के तहत 2000 रुपये (4000 रुपये) की पहली दो किस्तों के भुगतान की प्रक्रिया इस साल 7 फरवरी से शुरू हो चुकी है।
मनोहर लाल राज्य के सभी मंडल आयुक्तों, उपायुक्तों और नगर आयुक्तों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत करवाया गया कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के लिए अब तक 2 लाख 15 हजार परिवारों तथा परिवार पहचान पत्र के तहत लगभग 3 लाख परिवारों का डाटा पंजीकृत हो चुका है। बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि मुख्यालय स्तर पर इनकी निगरानी के लिए अलग से डैशबोर्ड सृजित किया जाएगा और इसका लिंक जिला उपायुक्तों को उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे विशेष कैम्पों का आयोजन करें और लोगों को इन योजनाओं के लाभ के बारे में जागरूक करे ताकि लोग अपने परिवारों का पंजीकरण करवाने के प्रति प्रेरित हों। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसान अपनी रबी फसलों विशेषकर गेहूं की फसल का पंजीकरण अवश्य करवाएं ताकि फसल खरीद के समय भुगतान में उनको परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 7,26,997 किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया है जबकि पिछले वर्ष लगभग 6.63 लाख किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया था। किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण करवाने की एवज में 10 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संयुक्त सांझा केन्द्रों को पंजीकरण के लिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जाएगा और गांवों में इस बात की मुनादी भी करवाई जाए कि किस तिथि को अधिकारियों की टीम उनके गांव के सीएससी में उपलब्ध रहेगी। बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को इस बात का आश्वासन दिया कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण का 75 प्रतिशत कार्य 28 फरवरी, 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।