हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में अंतर जिला परिषद का गठन कर प्रजातांत्रिक प्रणाली को जमीनी स्तर पर और अधिक सुदृढ़ करने के लिए पंचायती राज संस्थानों की शक्तियों का विकेन्द्रीकरण कर विकास की योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक सुचारू रूप से पहुंचाने के लिए एक संस्थागत प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के बाद आज जिला परिषदों को और अधिक वित्तीय शक्तियां देने की घोषणा की ताकि विकास प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जा सके।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को अंतर जिला परिषद, ग्रामीण की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की । मुख्यमंत्री ने जिला परिषदों को और अधिक सशक्त करने के लिए शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने की घोषणा की, इनमें पर्यावरण विभाग की स्कूलों में ईको क्लब, शिक्षा विभाग की स्वर्ण जयंती सांस्कृतिक कार्यक्रम, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े कल्याण विभाग की समरसता पर सेमिनार व डिबेट करवाने की योजना, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की गांव में बायो गैस प्लांट स्थापित करना, प्राथमिक विद्यालयों के भवनों का रखरखाव का कार्य, कृषि विभाग की फसल विविधिकरण योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई व धान के स्थान पर कम पानी वाली फसलों को अपनाने के लिए प्रेरित करने की योजना तथा डा0 बीआर अम्बेडकर हाउसिंग नवीनीकरण योजना शामिल है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का बजट पास होने के बाद जिला परिषद अपन बजट हाउस में पारित कर सरकार को भेजें, ताकि उसे सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री ने जिला परिषदों के अध्यक्षों से सीधा संवाद किया तथा ओपन हाउस का आयोजन कर आगामी वित्त वर्ष के दौरान बजट में शामिल करने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर जिला परिषदों के अध्यक्ष अपने सुझाव भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि 17 से 19 फरवरी तक विधायकों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए प्री-बजट बैठक बुलाई गई है।