हरियाणा में बेशक बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब रहा हो लेकिन चुनाव के बाद से कांग्रेस का कुनबा लगातार मजबूत होता जा रहा है। एक के बाद एक इनेलो या जेजेपी से नेता कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। इसी कड़ी में इनेलो और जेजेपी के नेता रहे उमेद लोहान कांग्रेस में शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस वर्किंग कमेट सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लोहान का पार्टी में स्वागत करते हुए हर तरह के मान-सम्मान और सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि उमेद लोहान प्रभावी राजनेता हैं और कांग्रेस में उनके शामिल होने से पार्टी मजबूत होगी।
उमेद लोहान जेजेपी के राष्ट्रीय सचिव रहे हैं। लोकसभा चुनाव में वो करनाल के प्रभारी बनाए गए थे। इससे पहले इनेलो में रहते हुए उन्होंने कई पदों पर काम किया था। लेकिन विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने जेजेपी से किनारा कर लिया था। कांग्रेस का दामन थामने के बाद उमेद लोहान ने अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जेजेपी चुनावों से पहले जिस विचारधारा का विरोध करती थी, चुनावों के बाद उसी विचारधारा के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली। ये लोगों के साथ और ख़ासकर देशवाली बेल्ट के वोटर्स के साथ बड़ा धोखा था। ऐसे में जरूरी था कि किसान कमेरे की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस को मजबूत किया जाए। क्योंकि प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही ऐसे नेता हैं जो आज इस लड़ाई को लड़ रहे हैं।
इस मौके पर रोहतक से पूर्व सांसद और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे। उन्होंने भी उमेद लोहान का कांग्रेस में स्वागत किया। दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी गठजोड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि ये गठबंधन स्वार्थ की नींव पर टिका हुआ है। लोगों की भावनाओं के ख़िलाफ इस गठबंधन को बनाया गया है। गठबंधन की ये सरकार 100 दिन में अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तक जारी नहीं कर सकी और इतने दिनों से सिर्फ इसी उधेड़बुन में लगी है कि किसको कौन-सा महकमा और कौन-सी गाड़ी मिले। ऐसे हालात में उमेद लोहान का कांग्रेस में शामिल होना सकारात्मक क़दम है।