हरियाणा के किसान अब बिजली के 33 केवी सब-स्टेशनों के साथ लगती अपनी बंजर अथवा कम पैदावार देने वाली जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन कर सकते हैं। इस बिजली को ग्रिड को सप्लाई करके वे अपनी आय बढ़ा सकेंगे। प्रदेश के दोनों बिजली वितरण निगमों (उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) द्वारा इस योजना के तहत सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए ‘प्रधानमंत्री-किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना (कुसुम) शुरू की गई है। इसके अंर्तगत 500 किलोवाट से लेकर 2 मैगावाट तक के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस योजना में शामिल होने के लिए नोटीफाइड 33 केवी सब-स्टेशन के 5 किलोमीटर के दायरे में भूमि होना आवश्यक है। एक मैगावॉट क्षमता वाला सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए 4 एकड़ भूमि होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि जो किसान सोलर प्लांट पर निवेश न करके सिर्फ अपनी भूमि सोलर प्लांट के लिए लीज पर देना चाहते हैं, वे 30 जनवरी, 2020 तक निगमों के वैब पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं, जो किसान, पंचायत, संगठन, डेवलपर व अन्य निवेशक अपनी भूमि पर या लीज पर भूमि लेकर सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं, वे 10 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस योजना से किसानों की बंजर भूमि को उपयोगी बनाए जाने के साथ-साथ किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में भी सहायता मिलेगी। साथ ही, इससे बड़े स्तर पर नवीकरणीय रूप में सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन होगा, जिससे थर्मल क्षेत्र में बिजली उत्पादन का दबाव कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसान, पंचायतें, संगठन व डेवलपर इस योजना को अपनाकर न केवल अपने लिए आय का अतिक्ति स्रोत सृजित कर सकते हैं बल्कि इससे वे प्रदेश के विकास में भी अपना योगदान दे सकते हैं।