अकाली नेता और सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि पार्टी के भीतर कुछ चापलूस, सुखबीर सिंह बादल की कुर्सी बचाना चाहते हैं जबकि उन्होंने अकाली दल को बचाने का बीड़ा उठाया है। इन तमाम पहलुओं को पंजाब की जनता के सामने रखा जाएगा और जनता ही इसका फैसला करेगी। ढींढसा ने कहा कि अकाली दल को उसकी परंपराओं से जोड़ने के लक्ष्य को गति दी जाएगी। उन्हें किसी पद की कोई लालसा नहीं है और न ही भविष्य में चुनाव लड़ने की इच्छा है।
दरअसल ढींढसा उनको और उनके बेटे को पार्टी की ओर से मिलने वाले नोटिस पर बोल रहे थे। ढींढसा ने कहा कि उन्हें और उनके बेटे परमिंदर सिंह ढींढसा को नोटिस जारी करना ही उनके ‘सैद्धांतिक स्टैंड’ की पहली जीत है। रविवार को सीनियर ढींढसा ने खास बातचीत में कहा कि उनके द्वारा लगातार मांग उठाई जा रही थी कि पार्टी के अंदर लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू हो।
वहीं परमिंदर ढींढसा ने कहा कि अकाली दल के सिद्धांतों पर डटकर पहरा दिया जाएगा। पार्टी से नोटिस प्राप्त होने पर तथ्यों के साथ जवाब दिया जाएगा। दरअसल परमिंदर ढींढसा ने कुछ दिन पहले विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।