अनिल विज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को होम्योपेथिक, नर्सिंग, फार्मेसिस्ट आदि सभी मैडिकल कांउसिल का डिजिटलाईज रजिस्ट्रेशन करने के निर्देश दिए गए ताकि प्रदेश में कहीं भी रह रहे चिकित्सकों को उनके घर द्वार पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि अब सभी चिकित्सकों के लिए कांउसिल का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। कोई भी चिकित्सक कांउसिंल के पंजीकरण के बिना अब ईलाज नहीं कर सकेंगें। विशेषकर दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों मेें चिकित्सकों के ईलाज करने के मामले उनके संज्ञान में आ रहे थे।
इस वैबसाईट से उन्हें दोहरा लाभ मिलेगा और वे दूसरी कांउसिंल में भी रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगें। उन्होंने कहा कि इस वैबसाईट का उपयोग बहुत ही आसान है। अब चिकित्सकों को कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगें। उन्होंने बताया कि वैबसाईट पर पंजीकृत लगभग 15000 चिकित्सकों का ऑनलाईन नवीनीकरण करने के साथ साथ आवेदन एवं फीस जमा करवाने के बाद ऑनलाईन प्रमाणपत्र भी 7 कार्यदिवस के अन्दर मुहैया करवाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चिकित्सक को हर 5 साल बाद वैबसाईट के माध्यम से ऑनलाईन नवीनीकरण करवाना अनिवार्य है।
किसी भी असुविधा के लिये हैल्प मिलेगी…..
अब चिकित्सक के खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत पर जिला नेगलेंसी बोर्ड आसानी से संज्ञान ले सकेगा। इसके अलावा किसी भी प्रकार की असुविधा के लिए हैल्प भी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इस वैबसाईट पर चिकित्सकों की वैरिफिकेशन, आरटीआई की सुविधा भी होगी ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
उन्होंने बताया कि वैबसाईट के माध्यम से वर्ष 2011 तक का लम्बित डाटा अपडेट हो सकेगा जो अब तक आईएमआर पर नहीं भेजा जा सकेगा। वैबसाईट पर 31 मार्च 2020 तक रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तिथि निर्धारित की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने एचएमसी द्वारा पहली बार तैयार किये गये कलैण्डर एवं डायरी का भी विमाचन किया।