हरियाणा बिजली विनायमक आयोग(एच0ई0आर0सी0) के चेयरमैन दीपेन्द्र सिंह ढेसी ने कहा कि देश में पर्यावरण को बढावा देने के लिए परम्परागत ऊर्जा का प्रयोग करने पर बल दिया जाएगा । इस पर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है । इसी कड़ी में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि देश में राष्ट्रीय स्तर पर 2022 तक एक लाख 75 हजार मैगावाट अक्षय ऊर्जा का संचय किया जा सके।
डी एस ढेसी ने बुधवार को यमुनानगर में सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जाने वाली महत्वकांक्षी कुसुम (किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महा अभियान) योजना को प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि बिजली बचाने के लिए किसानों को खेतों में लगे पम्पों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा, इससे बिजली की भी बचत होगी और खर्च भी कम आएगा तथा पर्यावरण को बढावा मिलेगा । इसके लिए उन्होंने जिले के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह आने वाले समय में कुसुम योजना को बढावा दें । उन्होंने कहा कि विकास की गति को तेज करने के लिए बिजली की जरूरत होती है, कम खर्चे में अधिक बिजली मिले इसके लिए थर्मल पावर की उपेक्षा अक्षय ऊर्जा का प्रयोग किया जाएगा।
हथनी कुण्ड बैराज पर जाकर भी व्यवस्था को देखा और अधिकारियों से ली जानकारी…
ढेसी ने ताजेवाला स्थित मिनी हाईडल पावर स्टेशन का भी निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्था के बारे में गहनता से अधिकारियों से जानकारी ली । उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो बिजली थर्मलों में भारी कीमत अदा करके तैयार की जाती है, अब हाइड्रो पावर, सोलर पावर, पवन ऊर्जा आदि के माध्यम से बिजली बनाई जाएगी ताकि कम कीमत पर जरूरत के अनुसार लोगों को बिजली मिल सके । इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार ने कार्य आरम्भ कर दिया है । उन्होंने बताया कि मिनी हाईड्रो पावर स्टेशन द्वारा करीब 62.4 मैगावाट बिजली बनाने की क्षमता है। इस तरह से बनी बिजली काफी सस्ती होती है।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन करीब 9 लाख युनिट बिजली यहां बनाई जा रही है । माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सौर ऊर्जा के माध्यम से देश व प्रदेश में काफी मात्रा में बिजली बना कर खपत को पूरा किया जा सके गा । उन्होंने हथनी कुण्ड बैराज पर जाकर भी व्यवस्था को जाना व अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली।
सौर ऊर्जा से करीब 80 हजार रूपए प्रति हार्स पावर बनाई जा सकती है बिजली ….
ढेसी ने बताया कि थर्मलों में बनाई जाने वाली बिजली सौर ऊर्जा के माध्यम से बनाई जाने वाली बिजली से काफी महंगी पडती है । सौर ऊर्जा से करीब 80 हजार रूपए प्रति हार्स पावर बिजली बनाई जा सकती है जबकि अन्य मदों से यह बिजली काफी महंगी पडती है । उन्होंने बताया कि यमुनानगर जिले में करीब 15 हजार कृषि पम्प है जोकि बिजली के द्वारा चलाए जाते है अब इन पम्पों को कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा । इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा । सौर ऊर्जा पम्पों को लगाने के लिए सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा 30 प्रतिशत, राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत, बैक ऋण 30 प्रतिशत व 10 प्रतिशत पम्प मालिक को खर्च करना होगा । यदि पम्प मालिक बैक से ऋण नहीं लेना चाहता तो वह 30 प्रतिशत स्वयं वहन कर सकता है ।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव, अतिरिक्त उपायुक्त के. के. भादू, एचईआरसी के निदेशक तकनीकी विरेन्द्र सिंह, उपनिदेशक मीडिया प्रदीप कुमार मलिक, एचपीजीसीएल के चीफ इन्जीनियर एल.एन. दुआ, अधीक्षक अभियंता पी.के वर्मा, रैजिडेंट कार्यकारी अभियंता अभिनव कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे ।