हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस उस चौराहे पर खड़ी है जहां वो फैसला नहीं कर पा रही है कि उसे किस ओर जाना है। हरियाणा में विधानसभा का चुनाव बहुत नजदीक है। सभी पार्टियां चुनावी यात्रा पर हैं लेकिन कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं को ये समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाये।
हरियाणा में संगठन बदलाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके समर्थक विधायक पिछले लंबे समय से हाईकमान पर प्रेशर बना रहे हैं। वहीं हुड्डा भी हाईकमान की ओर से सुनवाई ना होने को लेकर दोराहे पर हैं कि क्या किया जाये। अब एक दो दिन में फैसला होने के संकेत हैं।
हुड्डा वीरवार को प्रभारी गुलाम नबी आजाद के साथ सोनिया गांधी से मिले। बताया जा रहा है कि हुड्डा ने सोनिया गांधी से उन्हें हरियाणा में कमान देने की बात कही। बात फाईनल नहीं हुई है अब शुक्रवार को भी मीटिंग हो सकती है जिसके बाद हाईकमान कोई पत्र जारी कर सकता है। अगले एक दो दिन में ही हरियाणा के लिये स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जा सकता है।
वीरवार को चर्चा रही कि हुड्डा की सुनवाई नहीं हुई है और प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर का हटना मुश्किल है। चुनाव के समय हाईकमान तंवर को हटाने का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। अगर तंवर को हटाया जाता है तो एससी वोट नाराज हो सकता है। ऐसे में हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाकर स्क्रीनिंग कमेटी में जगह दी जा सकती है।