हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रोहतक रैली में कोई बड़ा धमाका नहीं हुआ। हरियाणा में कई दिनों से चर्चा थी कि हुड्डा नई पार्टी बना सकते हैं। शरद पवार की पार्टी एनसीपी से भी चुनावी ताल ठोक सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ना तो हुड्डा ने खुलकर कहा कि कांग्रेस पार्टी से ही वो चुनाव लड़ेंगे और ना ही किसी दूसरी पार्टी या फिर नई पार्टी का एलान किया।
दरअसल कांग्रेस हाईकमान की ओर से तवज्जो ना मिलने को लेकर ही कयास लगाये जा रहे थे कि अब हुड्डा कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। हुड्डा ने हाईकमान पर भी निशाना साधा और फैसला लेने के लिये कमेटी बनाने की बात कही। हुड्डा के साथी विधायकों ने कहा कि प्रस्ताव पास किया जाता है कि हुड्डा जो फैसला लेंगे वो सबको मान्य होगा।
हरियाणा में चुनाव को बहुत कम समय बचा है ऐसे में हुड्डा असमंजस में है कि क्या किया जाये। हाईकमान से वो नहीं मिल रहा जो हुड्डा चाहते हैं ऐसे में क्या किया जाये। इतिहास को देखते हुये हुड्डा नईं पार्टी बनाने का रिस्क नहीं लेना चाहते। वहीं हुड्डा के समर्थक विधायकों में भी कुछ लोग चाहते हैं कि हुड्डा अलग पार्टी बनाये तो कुछ कांग्रेस ना छोड़ने की बात करते हैं।