इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर कहा है कि भोपाल (मध्यप्रदेश) के एक न्यायालय की उद्घोषणा के बाद हरियाणा के उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बीके कुठियाला को तुरंत प्रभाव से उनके पद से मुक्त किया जाना चाहिए और उन पर दबाव बनाया जाना चाहिए कि वे जांच के लिए अपने आपको भोपाल में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें।
अभय सिंह चौटाला ने समाचार पत्रों में छपी उन खबरों के संदर्भ में यह पत्र लिखा जिनमें कहा गया था कि बीके कुठियाला पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 409, 420, 120बी और मध्यप्रदेश सार्वजनिक सेवा आरक्षण कानून (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग) 1994 के तहत आरोप हैं। यह आरोप उनके उस कार्यकाल से संबंधित हैं जब वे माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल के उप-कुलपति थे। उन्होंने यह भी कहा कि समाचार पत्रों के अनुसार कुठियाला ने न केवल मध्यप्रदेश के आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष अपने आपको जांच के लिए उपस्थित नहीं किया बल्कि 23 जुलाई, 2019 को एक न्यायालय की उद्घोषणा के बाद भी जांच के लिए पेश नहीं हुए। उस उद्घोषणा के अनुसार यदि कठियाला अपने आपको 21 अगस्त, 2019 से पहले न्यायालय के समक्ष पेश नहीं होते तो उनकी चल एवं अचल सम्पत्ति अटैच की जाएगी।
इनेलो नेता ने ये भी कहा कि समाचार पत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव ने हरियाणा के मुख्य सचिव को भी एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे हरियाणा राज्य के प्रभाव का प्रयोग करते हुए उक्त आरोपी से अपने आपको जांच के लिए प्रस्तुत होने के लिए दबाव डालें। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में यह हरियाणा सरकार का कर्तव्य है कि वे एक ऐसे व्यक्ति पर अब दबाव बनाएं जिसे उन्होंने राज्य के एक उच्च एवं जिम्मेदार पद पर स्थापित किया है।