हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि राज्य सरकार ने सडक़ सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए एक अहम पहल की है जिसके तहत वाहनों के चालान से मिलने वाली राशि का 50 प्रतिशत सडक़ सुरक्षा पर खर्च किया जा रहा है। परिवहन मंत्री उत्तरी राज्यों- हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ , दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और जम्मू एवं कश्मीर के परिवहन मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने उपरांत आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। बैठक में जिन राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने भाग लिया उनमें उत्तर प्रदेश से स्वतंत्र देव सिंह, पंजाब से रजिया सुल्तान, हिमाचल प्रदेश से गोविंद सिंह ठाकुर और दिल्ली से कैलाश गहलोत शामिल हैं।
कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि वर्ष 1986 में उत्तर प्रदेश और हरियाणा में परिवहन सुविधाएं बढ़ाने को लेकर एक समझौता हुआ था जिसे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के अथक प्रयासों से अमलीजामा पहनाया गया है। इस समझौते के तहत उत्तर प्रदेश की बसें हरियाणा में प्रतिदिन 50 हजार किलोमीटर जबकि हरियाणा की बसें उत्तर प्रदेश में 60 हजार किलोमीटर चलेंगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि बैठक में शामिल हुए मंत्रीगण और अधिकारियों की ओर से सुझाव आया है कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना समय की मांग है क्योंकि एक बस से 9 कारों जितने यात्री सफर कर सकते हैं। यह न केवल लोगों के हित में है बल्कि पर्यावरण के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन सेवा का लाभ उठा सकें, इसके लिए जरूरी है कि यात्री कर में कटौती की जाए और सार्वजनिक परिवहन में सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी,सफेद पट्टियां और स्पीड गवर्नर लगाए गए – कृष्ण लाल
सडक़ सुरक्षा से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 30 किलोमीटर के बाद सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सडक़ सुरक्षा से जुड़ी मुहिम में एनजीओ को शामिल किया गया है और राज्य राजमार्गों पर सफेद पट्टियां लगाई गई हैं। इसके अलावा सभी बसों में स्पीड गर्वनर लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों में पढऩे वाले युवाओं का लर्निंग लाइसेंस जारी करने के लिए संबंधित स्कूल या कॉलेज के प्रधानाचार्य को अधिकृत किया गया है। बैठक में उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पंजाब से रजिया सुल्तान, हिमाचल प्रदेश से गोविंद सिंह ठाकुर और दिल्ली से कैलाश गहलोत ने अपने-अपने राज्यों में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया और कई सुझाव भी दिए।