हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जल सरंक्षण व जल सदुपयोग के उद्देश्य से शुरू की गई हरियाणा की ‘जल ही जीवन है’ योजना की नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की बैठक में अन्य राज्यों ने भी प्रशंसा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वर्षा जल संचय’ नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की बैठक की कार्यसूची का एक महत्वपूर्ण विषय रहा। बैठक में ‘वर्षा जल संचय’ के संदर्भ में विभिन्न राज्यों द्वारा अपनी-अपनी योजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया गया। इस संबंध में हरियाणा राज्य का विवरण भी प्रस्तुत किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जल ही जीवन है’ योजना के अंतर्गत धान की अपेक्षा अन्य फसलों की खेती को प्राथमिकता देने का लक्ष्य है। हरियाणा की इस योजना की अन्य राज्यों ने भी प्रशंसा की है। इस दिशा में प्रथम स्तर पर 10 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र के किसान तैयार हुए हैं। ‘वर्षा जल संचय’ की दिशा में शिवालिक क्षेत्र में छोटे-छोटे बांध बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी पर 200 क्यूसेक क्षमता की एक परियोजना तैयार की गई है। भविष्य में जल संचय योजनाओं को विस्तार दिया जाएगा। मनरेगा के माध्यम से भी जलाशयों का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 14 हजार तालाबों के जीर्णोद्धार, सुधार व विकास के लिए ‘हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण’ की स्थापना की गई है। कृषि का रूपांतरण व फसलों का विविधीकरण भी नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की बैठक की कार्यसूची का विषय रहा।