लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रो. वीरेंद्र सिंह के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में प्रो. वीरेंद्र के खिलाफ लूट,आगजनी और भीड़ इकट्ठा करने के अलावा कई नई धाराएं शामिल की गई हैं।
इस मामले में सुनवाई 29 मई को होगी। पुलिस ने एफआईआर में जाट आरक्षण आंदोलन के वक्त वायरल हुई ऑडियो को मुख्य आधार बनाया था। हालांकि प्रो. वीरेंद्र के वकीक के मुताबिक इस केस में ऑडियो क्लिप को आधार बना देश द्रोह की जो धारा लगाई थी वो चार्जशीट मे हटा दी गई है।
दरअसल 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के वक्त प्रो. वीरेंद्र के खिलाफ रोहतक के सिविल लाइन थाना में देशद्रोह का केस दर्ज हुआ था। प्रो. वीरेंद्र और एक खाप के नेता के बीच हुई बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें आंदोलन को भड़काने की बात थी। जिसके बाद प्रो. के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया गया था। प्रो. वीरेंद्र केस दर्ज होने के कई दिन बाद तक सामने नहीं आये थे और बाद में उन्होनें खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।