पश्चिम बंगाल में राजनीतिक ड्रामा कई दिन से चल रहा है। बीजेपी और टीएमसी के बीच तनातनी चल रही है। इसी बीच चुनाव आयोग ने बुधवार शाम को बड़ा फैसला लिया। देश में पहली बार ऐसा हुआ कि प्रचार तय समय से 19 घंटे पहले ही बंद कर दिया जायेगा। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का हवाला देते हुये संविधान के अनुच्छेद 324 में मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुये ये फैसला लिया।
दरअसल मंगलवाल को बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के रोड-शो में जो बवाल हुआ था उसको लेकर दोनों पार्टियां आमने सामने थी। रोड-शो के दौरान पथराव, आगजनी और विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी गई। जिस पर बीजेपी ने चुनाव आयोग को शिकायत दी। चुनाव आयोग ने ना सिर्फ प्रचार तय समय से पहले बंद कर दिया है बल्कि एडीजी सीआईडी और गृह विभाग के प्रधान सचिव को भी हटा दिया है।
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद ममता बेनर्जी ने मीडिया से बातचीत में चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला। ममता ने कहा कि चुनाव आयोग में आरएसएस के लोग हैं और अमित शाह के दबाव में आकर चुनाव आयोग ऐसा कर रहा है। ममता ने अमित शाह और पीएम मोदी पर बड़े वार किये। ममता ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की कोई दिक्कत नहीं है।
कांग्रेस और माकपा ने चुनाव आयोग पर लगाया दोहरा रवैया अपनाने के आरोप…..
वहीं कांग्रेस और माकमा नेताओं ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने प्रचार रोकना था तो फिर गुरूवार तक इंतजार क्यों। क्या चुनाव आयोग इसलिये ऐसा कर रहा है क्योंकि पीएम मोदी की गुरूवार को बंगाल में दो रैलियां हैं। कांग्रेस ने कहा कि ये चुनाव आयोग की ओर से मोदी को तोहफा है।
वहीं इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि रोड-शो के दौरान जो दंगा हुआ उसमें अगर सीआरपीएफ ना होती तो उनका बच कर निकलना मुश्किल हो जाता। बीजेपी का कहना है कि ममता दादागिरी कर रही है।
दरअसल दोनों और से रोड-शो के दौरान हुये दंगे को लेकर वीडियो चुनाव आयोग को सौंपे गये। विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने को लेकर भी बीजेपी और टीएमसी एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। वहीं पीएम मोदी ने पूरे घटनाक्रम पर कहा कि दीदी विनाश पर उतारू हैं तो वहीं यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि बगदादी बनना चाहती हैं दीदी। वहीं दीदी ने शाह और मोदी को चेतावनी देते हुये कहा कि वो उनको जानते नहीं हैं वो तो दिल्ली से भी उनको खदेड़ सकती हैं।