वाराणसी से बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव अब पीएम नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। चुनाव आयोग ने तेज बहादुर की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है। दरअसल तेज बहादुर यादव के नामांकन कागजों में गड़बड़ी पाई गई थी और उन्हें एक प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था लेकिन वो नहीं कर पाए। तेज बहादुर की उम्मीदवारी पर तलवार शुरुआत से ही लटकती दिख रही थी।
दरअसल तेज बहादुर ने दो हलफनामों में अपनी बर्खास्तगी से जुड़ी दो अलग-अलग जानकारी दी थीं। उन्होंने पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 24 अप्रैल को वाराणसी से नामांकन किया था। इसके साथ दिए गए हलफनामे में उन्होंने बताया था कि भ्रष्टाचार के आरोप के चलते सेना से उन्हें बर्खास्त किया गया। बाद में जब समाजवादी पार्टी का टिकट मिलने पर दोबारा नामांकन (29 अप्रैल) के वक्त तेज बहादुर ने जो हलफनामा दायर किया उसमें इस जानकारी को नहीं दिया गया था।
तेज बहादुर यादव ने खुद ही नामांकन स्थल के बाहर आकर इसकी जानकारी दी। वाराणसी जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर यादव को मंगलवार चुनाव आयोग से अपनी बर्खास्तगी के मामले में प्रमाणपत्र लाने के लिए एक नोटिस जारी किया था और बुधवार सुबह 11 बजे तक अपना जवाब दाखिल करना था। चुनाव आयोग के मुताबिक तेज बहादुर की ओर से संतुष्टी भरा जवाब ना देने पर उनकी उम्मीदवारी रद्द की गई है।