जब किसी मां-बाप के दोनों बेटों का ही आईएएस में सिलेक्शन हो जाये तो आप सोच सकते हैं कि उनकी खुशी का ठिकाना क्या होगा। जी हां, राजस्थान के झुंझुनू में रहने वाले सुभाष कुमावत और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी के चेहरे पर एक अलग ही तरह का सुकून है। खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है, हो भी क्यों ना, क्योंकि दोनों बेटों का सिविल सर्विसेज में चयन जो हो गया है।
देश में यूपीएससी के नतीजे जैसे ही घोषित किये गये तो पता चला कि सुभाष कुमावत और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी के बड़े बेटे पंकज ने 443वीं और छोटे बेटे अमित ने 600वीं रैंक हासिल की है। ये समाचार सुनते ही दोनों की आंखों में आंसू थे। आस-पास के लोगों और रिश्तेदारों को पता चला तो सब चले आये बधाई देने के लिये।
दरअसल सुभाष सिलाई का काम करते हैं और राजेश्वरी देवी तुरपाई। परिवार में दूसरा कोई आज तक सरकारी नौकरी में नहीं गया। पंकज और अमित ने बताया कि हम जानते हैं, हमें माता-पिता ने कैसे पढ़ाया। हमारे लिए पढ़ना आसान था, लेकिन उनके लिए पढ़ाना बेहद मुश्किल। वो हमारी फीस, किताबों और दूसरी चीजों का इंतजाम कैसे करते थे। इस बात को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं। मां रातभर जाग तुरपाई करतीं और पिता सिलाई करते, ताकि बेटे कुछ बन सकें।
सुभाष के बड़े बेटे पंकज ने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल में बीटेक किया है। वहीं छोटे भाई अमित ने भी आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया है। पंकज ने कुछ समय तक नोएडा की प्राइवेट कंपनी में नौकरी भी की। दोनों भाइयों ने साथ रहकर यूपीएससी की तैयारी की और आखिरकार मां बाप के सपने को साकार करते हुये देश के सबसे बड़े एग्जाम को पास किया।