कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिये अपने घोषणापत्र में कहा है कि AFSPA को जम्मू-कश्मीर से हटाया जायेगा। कांग्रेस के इस फैसले का जम्मू-कश्मीर की कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने स्वागत किया है। पीडीपी की नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के इस फैसले की सराहना की है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से ASFPA हटाने का कांग्रेस का वादा स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा कि कभी भी कुछ न करने से अच्छा है कि देर से ही सही कुछ किया जाए। वहीं महबूबा ने कहा कि पीडीपी ने जिन मुद्दों को लेकर बीजेपी के साथ गठबंधन किया था उन मुद्दों को अपने घोषणापत्र में शामिल कर कांग्रेस ने साहसिक कदम उठाया है।
क्या है AFSPA…….
AFSPA का मतलब है Armed Forces (Jammu and Kashmir) Special Powers Act, इस एक्ट को जम्मू-कशमीर में बढ़ते हुए आतंकवाद को देखते हुए केंद्र सरकार ने 1990 पारित किया गया। दरअसल इस कानून ने सुरक्षा बलों को कई खास अधिकार दिए हैं। अगर कोई कानून के खिलाफ काम करता है तो एक सैनिक उस व्यक्ति पर गोली चला सकता है या शारीरिक बल का इस्तेमाल कर सकता है। जहां हथियार रखे गए हों, उन जगहों को सुरक्षा बल तबाह कर सकता है।
इस एक्ट के तहत अगर किसी ने संज्ञेय अपराध किया है तो सशस्त्र बल उसको किसी वॉरंट के बगैर गिरफ्तार कर सकता है। सुरक्षा बलों पर इसके लिए किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है और किसी तरह की कार्रवाई करने पर सैनिकों के खिलाफ मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकता।
जम्मू-कश्मीर के नेता भले ही कांग्रेस के इस कदम की सराहना कर रहे हों लेकिन बीजेपी ने इसको गलत बताया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि ‘कांग्रेस AFSPA को कमजोर करने की बात कर रही है। घोषणापत्र की मानें तो अब सेना के अधिकारी पर किसी सरकारी अनुमति के बिना मामला दर्ज हो पाएगा।’