भारतीय जनता पार्टी में हाल ही में शामिल हुए इनेलो विधायक रणबीर गंगवा ने कहा कि ‘इंडियन नेशनल लोकदल शीर्ष नेतृत्व के नाम पर दो फाड़ हो चुका था।’ गंगवा ने कहा कि ‘उन पर कार्यकर्ताओं का भारी दबाव था कि वो कोई स्पष्ठ निर्णय लें। इनेलो के दो फाड़ होने के बाद उनके सामने कोई विकल्प नहीं था कि वो अपने कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के लिए कोई नयी राजनीतिक राह पकड़े अथवा राजनीति से संन्यास ले लें।’
गंगवा से जब इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होनें कहा कि ’20 मार्च को ही विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने कहा कि वो दो नाव में पैर रखने वाले नेता नहीं हैं अब वो भाजपा में हैं और पाटी नेतृत्व उन्हें जिस प्रकार की जो जिम्मेदारी देगा उसे वो निभाएंगे चाहे वो चुनाव का मैदान हो या चुनाव प्रचार का काम।’
इनेलो के बारे में बोलते हुये रणबीर गंगवा ने कहा कि ‘इनेलो दो फाड़ होने के बाद जीरो हो गई है और लोगों का पार्टी से विश्वास पूरी तरह से टूट चुका है। जो लोग इनेलो को प्रदेश में सभी दलों का राजनीतिक विकल्प के रूप में देख रहे थे उनकी भावनाओं को आघात पहुंचा है और उनका पार्टी नेतृत्व से विश्वास टूटा है।’
दरअसल कुछ दिन पहले ही गंगवा ने बीजेपी ज्वाइन की थी। उसके बाद इनेलो के एक और विधायक केहर सिंह रावत ने भी बीजेपी ज्वाइन की। इनेलो ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा कि इन दोनों और जो विधायक जेजेपी का समर्थन कर रहे हैं, इन सभी को डिस्क्वालिफाई किया जाये।
Report By- Parveen Kumar