हरियाणा में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला अप नेता विपक्ष नहीं रहेंगे। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने अभय सिंह चौटाला को नेता विपक्ष पद से हटा दिया है। कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि इनेलो के दो विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन की है और बीजेपी ज्वाइन करने से पहले उन्होनें अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया था। गुर्जर ने कहा कि अब इनेलो विधायकों की संख्या उतनी नहीं है कि इनेलो के नेता को नेता विपक्ष रहने दिया जाये।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अभय सिंह चौटाला को नेता विपक्ष से हटाया जाता है साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अभय सिंह चौटाला ने जो सशर्त इस्तीफा देने का पत्र लिखा था उसे नहीं माना गया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इनेलो ने जिन विधायकों पर कार्रवाई करने के लिये कहा है कि उनके विधायक जेजेपी का साथ दे रहे हैं, उनके बारे में आगे जांच की जायेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इनेलो ने चार विधायकों के बारे में लिखा है कि उन्होनें पार्टी नहीं छोड़ी है उसके बावजूद दूसरी पार्टी को समर्थन दे रहे हैं, जिसको लेकर उनको डिसक्वालिफाई किया जाये। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनको नोटिस देकर इस बारे में पूछताछ की जायेगी, उसके बाद ही अगर कार्रवाई बनती है तो की जायेगी।
दरअसल दो दिन पहले ही अभय सिंह चौटाला ने सशर्त इस्तीफा दिया था। अभय ने लिखा था उनके जो विधायक दूसरी पार्टियों में गये हैं अगर उनको डिसक्वालिफाई किया जाता है तो उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया जाये। वहीं विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि बीजेपी ज्वाइन करने से पहले ही दोनों विधायकों ने उन्हें इस्तीफा भेज दिया था।
जिन विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन की है क्या उनके भत्तों या पेंशन पर पड़ेगा असर…..
विधानसभा अध्यक्ष से जब ये सवाल किया गया कि जिन विधायकों इनेलो को छोड़ दूसरी पार्टी को ज्वाइन किया है क्या उनके भत्ते या पेंशन पर रोक लग जायेगी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं होगा। उन्होनें कहा कि जिन लोगों ने इस्तीफा दे दिया है उनके भत्तों और पेंशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दरअसल इनेलो को झटके पर झटका लग रहा है। इनेलो के अब तक 6 विधायक दूसरी पार्टियों में जा चुके हैं। 4 विधायक जेजेपी को समर्थन कर रहे हैं वहीं दो विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है। वहीं अब नेता विपक्ष का पद भी इनेलो से छिन गया है।
अब कौन होगा नेता विपक्ष………
हरियाणा में अब नेता विपक्ष कौन होगा। इस पर जवाब देते हुये विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जिस विधायक का नाम नेता विपक्ष के लिये देंगे उसे विपक्ष का नेता बनाया जायेगा। इसका मतलब है कि अब नेता विपक्ष का पद कांग्रेस के पास चला जायेगा।
कांग्रेस में नेता विपक्ष किसे बनाया जायेगा ये तय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को करना है। हालांकि किरण चौधरी के नाम पर ही मुहर लग सकती है क्योंकि किरण चौधरी कांग्रेस में विधायक दल की नेता हैं। वैसे भी हरियाणा कांग्रेस में जो विधायक हैं उनमें से अगर किसी के साथ तंवर की बनती है तो वो किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला हैं।
हालांकि कांग्रेस में नेता विपक्ष कौन हो इसका फैसला भी कांग्रेस हाईकमान करेगा। मतलब जिसे राहुल गांधी चाहेंगे उसे हरियाणा में नेता विपक्ष बनाया जायेगा। कांग्रेस की ओर से नेता विपक्ष के लिये किसका नाम दिया जाये ये फैसला लोकसभा चुनाव के बाद ही लिया जायेगा।
हरियाणा में नेता विपक्ष को कई तरह की सुविधायें दी जाती हैं। नेता विपक्ष को मंत्री के समान कोठी अलॉट की जाती है। बड़ी गाड़ी दी जाती है। सुरक्षा दी जाती है, विधानसभा सत्र में स्पेशल तवज्जो दी जाती है, इसके अलावा और भी कई सुविधायें नेता विपक्ष को मिलती हैं।