लोकसभा चुनाव को देखते हुये दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन का आज एलान हो सकता है। गठबंधन को लेकर एक बार फिर राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ मीटिंग की। राहुल गांधी ने सभी की फिर से राय ली कि गठबंधन करने से कितना फायदा या नुक्सान हो सकता है।
राहुल गांधी के साथ मीटिंग में स्थानीय नेताओं ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर अपनी राय राहुल गांधी को बता दी है। खबर ये आ ही है कि दिल्ली कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित गठबंधन का विरोध कर रही हैं, तो वहीं पूर्व अध्यक्ष अजय माकन गठबंधन के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं।
गठबंधन को लेकर दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको, सह प्रभारी कुलजीत नागरा समेत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा और ताजदार बाबर गठबंधन करने के पक्ष में हैं। इसके साथ ही दिल्ली के 14 जिलों के अध्यक्ष, तीनों एमसीडी के नेता भी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के हक में बोल रहे हैं।
दिल्ली के किन नेताओं को लगता है कि गठबंधन नहीं होना चाहिये…..
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष हारून युसुफ, राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव, जेपी अग्रवाल और योगानंद शास्त्री आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं। राहलु गांधी ने सभी की राय ले ली है और सोमवार शाम तक वो गठबंधन को लेकर अपना फैसला सुना सकते हैं।
दरअसल इससे पहले भी गठबंधन पर दो बार चर्चा हो चुकी है। एक बार राहुलगांधी के साथ तो दूसरी बार सोनिया गांधी के साथ। दोनों बार ही मीटिंग के बाद शीला दीक्षित ने बोला की गठबंधन नहीं होगा। उसके बावजूद भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते रहे कि अगर बीजेपी को हराना है तो गठबंधन पर राहुल फिर से विचार करें।
दरअसल दिल्ली में गठबंधन के लिये शरद पवार की ओर से कोशिश की जा रही थी। शरद पवार की कोशिश पर ही राहुल ने एक बार फिर इस पर चर्चा की है। हालांकि केजरीवाल ने तो दिल्ली के साथ हरियाणा और पंजाब के लिये भी कांग्रेस के सामने फॉर्मूला रखा था। आम आदमी पार्टी के मुताबिक हरियाणा में जेजेपी को भी साथ में मिलाया जाना चाहिये।