लोकसभा चुनाव के लिये हरियाणा कांग्रेस की कोर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग दिल्ली में हुई। इस मीटिंग में कमेटी के चेयरमैन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा कमेटी के मेंबर भी मौजूद रहे सिवाए कुलदीप बिश्नोई के। कुलदीप बिश्नोई इस मीटिंग में नहीं पहुंचे। हालांकि चंद्रमोहन बिश्नोई इस मीटिंग में पहुंचे।
कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। इस मीटिंग में कांग्रेस हरियाणा के प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी मौजूद रहे। टिकटों को लेकर हालांकि नेताओं के नाम तकरीबन फाईनल ही हैं। सुनने में आया है कि जब कार्यकर्ताओं की ओर से नेता विशेष को लेकर नारे लगाये गये तो गुलाम नबी आजाद ने हिदायत दी। आजाद ने कहा कि आने वाले समय में सिर्फ तीन ही नारे लगेंगे। कांग्रेस पार्टी , सोनिया गांधी और राहुल गांधी जिंदाबाद। अगर इसके अलावा किसी नेता विशेष के नारे लगे तो फिर टिकट कट जायेगा।
दरअसल कांग्रसे गुटबाजी से उबर ही नहीं पा रही है। जब भी कभी सभी नेता किसी कार्यक्रम को लेकर इक्कठे होते हैं तो वहां भी नारेबाजी के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया जाता है। इस बात को कांग्रेस हाईकमान भलीभांति जानता है, इसलिये हाईकमान ने सीटों पर उम्मीदवारों के एलान से पहले सभी को एक बस में प्रदेश भर में एक साथ प्रचार करने के लिये कहा है।
जींद के उपचुनाव में भी हाईकमान की ओर से सभी को कहा गया था कि एकजुटता का परिचय दिया जाये। जींद में सभी बड़े नेता एक मंच पर दिखाई भी दिये लेकिन नतीजों के बाद कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि पार्टी के अंदर भीतरघात से उनकी हार हुई है। अब लोकसभा के चुनाव में भी कांग्रेस हाईकमान को वही खतरा है। इसलिये हाईकमान फूंक फूंक कर कदम रख रहा है।
कुलदीप बिश्नोई दूसरी बार भी नहीं पहुंचे मीटिंग में…..
वहीं कुलदीप बिशनोई के दूसरी बार कोर्डिनेशन कमेटी में ना पहुंचने को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। पहली बैठक को लेकर तो कुलदीप ने कहा था कि उनकी तबीयत खराब है वहीं दूसरी बैठक में ना जाने के पीछे कोई और मसला तो नहीं है। चर्चा ये भी थी कि वो बीजेपी में जा सकते हैं। हालांकि उसको लेकर उन्होनें मना कर दिया था।
कुछ समय से चर्चा चल रही थी कि कुलदीप बिश्नोई को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पहले कहा जा रहा था कि जींद चुनाव के बाद प्रदेश के संगठन में बदलाव होगा। ऐसा नहीं हुआ और अब हाईकमान बदलाव कर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। लोकसभा चुनाव तक बदलाव की संभावनाएं कम लग रही हैं। शायद ये वजह हो कि कुलदीप इस बात को लेकर नाराज हो।