आगामी लोकसभा चुनावों के साथ हरियाणा के विधानसभा के चुनाव नहीं होंगे। ये आज हरियाणा की कैबिनेट की बैठक के बाद एलान कर दिया गया। हरियाणा सरकार में मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि हरियाणा विधानसभा अभी भंग नहीं होगी, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अपने अपने समय पर होंगे।
दरअसल हरियाणा में पिछले कुछ समय से ये चर्चा जोर पकड़ रही थी कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हो सकते हैं। ना सिर्फ ये चर्चा थी बल्कि बीजेपी की ओर से भी इसको लेकर कई बार मंथन किया गया। आखिरकार बीजेपी हाईकमान को लगा कि दोनों चुनाव अलग अलग होने से पार्टी को फायदा हो सकता है।
दरअसल बीजेपी हाईकमान का पूरा जोर लोकसभा चुनावों पर है। बीजेपी हर हालत में दोबारा सत्ता में आना चाहती है। बीजेपी को लगता है कि यूपी में अगर उनकी पार्टी को सीटों का नुक्सान होता है तो उसकी भरपाई दूसरे प्रदेशों से करनी पड़ेगी। बीजेपी हाईकमान को ये भी लगता है कि हरियाणा में उनको फायदा हो सकता है।
बीजेपी हाईकमान ने बड़ा सोच समझकर ये फैसला लिया है कि हरियाणा में विधानसभा के चुनाव लोकसभा के बाद ही हों तो अच्छा है। हरियाणा और महाराष्ट्र की विधानसभा को भंग कर साथ चुनाव हो सकते थे। बीजेपी हाईकमान को लगता है कि अकेले लोकसभा के चुनाव पर हरियाणा के सभी नेता जोर देंगे तो नतीजे उनके लिये फायदेमंद हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव को देखते हुये सभी पार्टियों की ओर से तैयारी करीब करीब पूरी कर ली गई है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान जैसे ही चुनाव आयोग की ओर से किया जायेगा उसके बाद सभी पार्टीयां अपने उम्मीदवार घोषित कर देंगी। हालांकि ये देखा जायेगा कि दूसरी पार्टियां कौनसा उम्मीदवार उतारती हैं। हरियाणा में जाट और नॉन जाट का मुद्दा बहुत अहम है। लोकसभा के चुनाव में इसको देखते हुये उम्मीदवारों का चयन किया जायेगा।