हरियाणा के मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार रात को अचानक राज्यपाल से मिलने पहुंचे गये। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की राज्यपाल सत्यदेव नारायण से करीब 1 घंटा 40 मिनट की मुलाकात ने प्रदेश में सियासी भुचाल ला दिया। हर तरफ चर्चा होने लगी कि लोकसभा चुनावों के एलान से ठीक पहले की ये मीटिंग कहीं ऐसा तो नहीं कि हरियाणा कि विधानसभा को भंग किया जा रहा है। चर्चा होने लगी कि लोकसभा चुनावों के साथ ही हरियाणा विधानसभा के चुनाव भी हो सकते हैं।
राजनीति हलकों में इंतजार किया जाने लगा कि आखिर मामला है क्या। मुख्यमंत्री मीटिंग के बाद क्या बोलेंगे। इस मीटिंग को कई तरह से देखा जाने लगा। एक चर्चा दोनों चुनाव इकठ्ठे हो सकते हैं। दूसरी चर्चा बीजेपी और इनेलो का गठबंधन होने जा रहा है। तीसरी चर्चा बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन होने जा रहा है। रात तक सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर गर्म रहा। लोग तो इनेलो – बीजेपी और बीजेपी – जेजेपी के बीच सीटों ते बटवारे तक की बात करने लगे।
मुख्यमंत्री की मीटिंग के बाद ये पता चला कि तीन नये सूचना आयुक्त बनाये जा रहे हैं और वो शुक्रवार को राजभवन में शपथ लेंगे। तीन नेय सूचना आयुक्त में लेफ्टिनेंट कमलजीत सिंह, कमलदीप भंडारी और जय सिंह बिश्नोई शामिल हैं। इन तीनों सूचना आयुक्त को राज्यपाल राजभवन में शुक्रवार को शपथ दिलायेंगे इसलिये मुख्यमंत्री और राज्यपाल की मीटिंग हुई और डिनर हुआ।
दरअसल पिछले कुछ समय से ये हरियाणा में ये चर्चा है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव बीजेपी एक साथ करवा सकती है। हालांकि बीजेपी के नेताओं की ओर से ये बात निकल कर सामने आ रही है कि विधानसभा के चुनाव समय पर ही होंगे मतलब दोनों चुनाव एक साथ नहीं होंगे। हालांकि जब भी हरियाणा के मुख्यमंत्री की बीजेपी हाईकमान के साथ मीटिंग होती है तो फिर कहा जाता है कि मंथन किया जा रहा है कि चुनाव एक साथ करवाये जायें या नहीं।
चर्चा ये भी है कि बीजेपी का हाईकमान फिलहाल लोकसभा चुनावों पर ही फोकस रखना चाहता है। हाईकमान विधानसभा का चुनाव लोकसभा के साथ करवाकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। बीजेपी हाईकमान का फोकस हरियाणा की सभी दस सीटों को जीतने पर है। अगर दोनों चुनाव इकठ्ठे होते हैं तो विधायक का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार लोकसभा चुनाव के लिये उतना जोर नहीं लगा पायेंगे जितना अगर अकेले लोकसभा के चुनाव में लगा सकते हैं।
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