आने वाले गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियां-उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के तकनीकी विंग के कर्मचारी डिस्ट्रिब्यूसन ट्रांसफार्मर की मेनटेंस में युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं ताकि गर्मी के मौसम में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।
बिजली निगमों के एक प्रवक्ता ने कहा कि गर्मियों में बिजली की डिमांड बढ़ जाती है, उसको ध्यान में रखते हुए इस समय बिजली वितरण कंपनियों की तकनीकी विंग अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में जुटी हुई है। गत वर्ष 11 जुलाई 2018 को अधिकतम डिमांड 10270 मेगावाट रिकार्ड की गई थी, यह अब तक की सर्वाधिक बिजली डिमांड का रिकार्ड रहा है। इस वर्ष बिजली के उपभोक्ताओं की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है, इसलिए पहले से बिजली वितरण कंपनियों ने अपनी तैयारी की हुई है। उनका कहना है कि हरियाणा के पास 11700 मेगावाट बिजली का प्रबंध है।
उन्होंने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध करवाने तथा बिजली के वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए वर्तमान सरकार के सवा चार साल के कार्यकाल में बिजली वितरण निगमों ने 140 नए 33 केवी सब-स्टेशनों का निर्माण एवं 386 मौजूदा 33 केवी सब-स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि की है ताकि बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाली विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी सब डिविजनों में ट्रांसफार्मर बैंक स्थापित किए गए हैं और मरम्मत के कार्यों के लिए निगम के पास पर्याप्त मात्रा में साधन उपलब्ध हैं। हर सब डिविजन में बने ट्रांसफार्मर बैंक में कम से कम 5 ट्रांसफार्मर अवश्य होते हैं, ताकि जरूरत पडऩे पर इनका तुरंत इस्तेमाल किया जा सके। इसके अलावा, हरियाणा ऐसा प्रदेश है जिसके पास 2 मोबाइल सब स्टेशन भी हैं, जिनकी आवश्यकता पडऩे पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) के पास एक 66 केवी का मोबाइल सबस्टेशन गुरुग्राम में और एक 132 केवी का मोबाइल सब स्टेशन करनाल में है, आवश्यकता पडऩे पर तुरंत इन मोबाइल सब स्टेशनों का इस्तेमाल कर बिजली उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई दी जाती है।
बिजली वितरण कंपनियों का दावा है कि आज प्रदेश के सभी लगभग 64 लाख 80 हजार बिजली उपभोक्ताओं को पूरी बिजली मिल रही है और बिजली वितरण कपंनियों की वित्तीय स्थिति भी सुधरी है।