देश के सबसे बड़े राज्य उतरप्रदेश में बीजेपी को हराने के लिये महागठबंधन के लिये महामंथन चल रहा है। यूपी में मोजूदा गठबंधन में कांग्रेस शामिल हो सकती है ऐसे संकेत खुद राहुल गांधी ने दिये हैं। यूपी में दरअसल कुछ समय पहले सपा और बसपा का गठबंधन हुआ जिसमें कांग्रेस को दरकिनार कर सिर्फ दो सीटें रखी गई मतलब अमेठी और रायबरेली। दो दिन पहले ही सपा और बसपा के साथ रालौद भी मिल गई। अब आने वाले दिनों में कांग्रेस भी इस गठबंधन का हिस्सा हो सकती है।
दरअसल पिछले कुछ दिनों में जो हालात बदले हैं उसको देखते हुये सपा और बसपा कांग्रेेस के लिये करीब 15 सीटें देने के लिये तैयार हो गई हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से पहले 20 तो अब 17 की डिमांड की गई है। 17 और 20 में कोई ज्यादा फर्क नहीं है तो ऐसे में तीनों के बीच बात बन सकती है। तीनों पार्टियों के बीच एक बार फिर से बातचीत चल पड़ी है। खबर ये है कि समाजवादी पार्टी अपने खाते से 7 सीटें तो बसपा अपने खाते से 6 सीटें देने के लिये तैयार हैं। वहीं दो सीट पहले ही छोड़ी गई हैं।
पिछले एक महीने में जिस तरह से घटनाक्रम बदला है उससे सपा और बसपा थोड़ा पीछे हटने के लिये तैयार हुई हैं। पहले प्रियंका गांधी का कांग्रेस में महासचिव और पूर्वी यूपी का प्रभारी बनना। प्रभारी बनने के बाद पहली बार लखनऊ का रोड शो कामयाब होना। पुलवामा में जवानों पर आतंकी हमला होना, उसमें बाद भारत और पाकिस्तान की ओर से एक दूसरे पर एयर स्ट्राइक करना। देश में यु्द्द जैसे हालात पैदा होना। पुलवामा हमले और पाकिस्तान पर हमले को लेकर देश में सियासत होना। इन सबकी वजह से यूपी में नये समीकरणों पर विचार किया जा रहा है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना तकरीबन खत्म हो गई है वहीं राहुल के मुताबिक यूपी में अभी भी संभावना है। वहीं प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव की पत्नी ट्विंकल यादव की दोस्ती की भी चर्चा है। ख़बर ये भी है कि इन दोनों के बीच लगातार बातचीत जारी है।
यूपी में कुल 80 लोकसभा की सीटें हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी पार्टियों का सफाया कर दिया था। 80 में से 71 सीटें भाजपा ने जीतीं, जबकि 2 सीटें कांग्रेस, 2 अपना दल और 5 सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में गईं। वहीं बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। दरअसल विपक्षी पार्टियों की रणनीति ये है कि यूपी की पिछली बार बीजेपी की ओर से जीती गई 71 सीटों पर नुक्सान पहुंचाया जाये। यूपी जैसे बड़े राज्य में अगर बीजेपी को नुक्सान होता है तो उसकी भरपाई करना बीजेपी के लिये मुश्किल हो जायेगा।