हरियाणा के दो बड़े शहर तरक्की तो कर रहे हैं लेकिन लोगों के लिये रहने लायक नहीं हैं। दरअसल एक रिपोर्ट में ये बात निकल कर सामने आई है। आईक्यू एयरविजुअल और ग्रीनपीस की रिपोर्ट में दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 10 शहरों में 7 भारत के शहर हैं। वहीं दो शहर पाकिस्तान के और एक शहर चीन का शामिल है।
हरियाणा का गुरूग्राम शहर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। 10 प्रदूषित शहरों की लिस्ट में सबसे टॉप पर गुरूग्राम शहर है जिसमें प्रदूषण का स्तर 135.8 है। वहीं पांच प्रदूषित शहर एनसीआर में आते हैं, गुरूग्राम के बाद दूसरे नंबर पर गाजियाबाद शहर जिसमें प्रदूषण का स्तर 135.2 , तीसरे नंबर पर फैसलाबाद (पाकिस्तान) 130.4 , चौथे नंबर पर फरीदाबाद (हरियाणा) 129.1 , पांचवें नंबर पर भिवाड़ी (राजस्थान) 125.4 , छठे नंबर पर नोएडा (उतरप्रदेश) 123.6 , सातवें नंबर पर पटना (बिहार) 119.7 , आठवें नंबर पर होतान (चीन) 116.0 , नौवें नंबर पर लखनऊ (उतरप्रदेश) 115.7 और दसवें नंबर पर लाहौर ( पाकिस्तान ) जिसमें प्रदूषण का स्तर 114.7 है।
दरअसल प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 कणों के आधार पर नापा गया है। ये मात्रा फेफड़ों को नुक्सान पहुंचाती है। कहा जाये तो भारत के ये शहर रहने लायक नहीं है। इन शहरों में स्वास्थ्य के साथ साथ लोगों का आर्थिक नुक्सान भी हो रहा है। दुनिया के पहले दस शहरों में 7 तो पहले 30 शहरों में 22 शहर केवल भारत के शामिल हैं।
हरियाणा के गुरूग्राम और फरीदाबाद बहुत प्रदूषित हैं। ये दोनों शहर दिल्ली के साथ सटे हुये हैं। वहीं नोएडा, गाजियाबाद और भिवाड़ी भी एनसीआर में आते हैं। कुल मिलाकर कहा जाये तो एनसीआई में प्रदूषण की मात्रा बहुत ज्यादा है। इन शहरों में प्रदूषण की मात्रा इसलिये भी ज्यादा है क्योंकि यहां उद्योग और ट्रैफिक बहुत ज्यादा है। पिछले कुछ समय में गुरूग्राम, नोएडा, फरीदाबाद,गाजियाबाद और भिवाड़ी में काफी मात्रा में उद्योग लगे हैं।
भारत को प्रदूषण को कम करने के लिये कदम उठाने पड़ेंगे नहीं तो आने वाले दिनों में प्रदूषण का ये स्तर बढ़ता जायेगा। सर्दियों के समय जब धुंध पड़ती है उस समय तो प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है। चीन ने बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिये काफी प्रयास किया तो पिछले कुछ समय से वहां प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। ऐसे ही कदम भारत सरकार को भी उठाने चाहिये ताकि लोगों को शुद्द हवा का जो अधिकार है वो मिल सके।