आपके पेशाब में इतनी ताकत है कि उससे कई फायदेमंद चीजे तैयार हो सकती हैं। आने वाले समय में देश में से पेशाब को इकट्ठा कर कई चीजों को बनाने का प्रयास हो सकता है। जी हां, ऐसा इशारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। नितिन गडकरी का कहना है कि अगर देशभर में से पेशाब को इकट्ठा कर लिया जाये और उससे यूरिया खाद बनाई जाये तो विदेशों से यूरिया खाद मंगवाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
तो आप समझ गये होंगे कि पेशाब से यूरिया खाद बनाई जा सकती है और कितनी मात्रा में बनाई जा सकती है ये भी केंद्रीय मंत्री ने बताया है। पेशाब से ना सिर्फ यूरिया बन सकती है बल्कि पेशाब से जहाज में इस्तेमाल होने वाला तेल यानी कि जैव ईंधन भी बनाया जा सकता है। जैव ईंधन बनाने को लेकर तो काम शुरू भी हो गया है। नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होनें देश के हवाई अड्डों पर पेशाब को स्टोर करने के लिये कहा है।
केन्द्रीय मंत्री ने नागपुर में इनोवेशन अवार्ड कार्यक्रम में कहा कि अगर देश भर से मूत्र को इकट्ठा किया जाये तो यूरिया या जैव ईंधन बनाने के लिये किसी और चीज को नष्ट करने की जरूरत नहीं है। उन्होनें बाकायदा बताया कि किस तरह से प्राकृतिक कचरे से जैव ईंधन बनाया गया।
दरअसल देश में यूरिया की खप्त बहुत है। हर साल लाखों टन यूरिया का इस्तेमाल हमारे किसान करते हैं। अच्छी फसल लेने के लिये समय समय पर यूरिया खेत में डाली जाती है। हालांकि यूरिया पर सब्सिडी मिलती है लेकिन फिर भी इसकी कीमत बहुत बढ़ गई है जिससे किसान की फसल पर लागत मूल्य भी बढ़ गया है जिसको लेकर समय समय पर किसानों की ओर से यूरिया के रेटों को लेकर विरोध भी जताया जाता है।
अगर देश में पेशाब से यूरिया का निर्माण किया जाता है तो दूसरे देशों से यूरिया नहीं मगवानी पड़ेगी तो हो सकता है कि यूरिया के रेट भी कम हों। खैर सवाल यही है कि पेशाब को इकट्ठा कैसे किया जाये। शहरों मे जो पब्लिक टॉयलेट हैं वहां से तो पेशाब को इकट्ठा किया जा सकता है लेकिन गांव से इसको इकट्ठा करना आसान नहीं है।