फिरोजपुर से शिरोमणि अकाली दल के सांसद शेर सिंह घुबाया ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। शेर सिंह घुबाया ने दिल्ली में राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन की। शेर सिहं घुबाया ने एक दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दिया था। हालांकि शेर सिंह के इस्तीफे के बाद अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि पार्टी ने पहले ही शेर सिंह को निकाल दिया था। वहीं शेर सिंह ने कहा कि पार्टी ने नहीं निकाला बल्कि उन्होनें खुद इस्तीफा दिया है।
शेर सिंह घुबाया के कांग्रेस में जाने की चर्चा लंबे समय से चल रही थी। शेर सिंह घुबाया अकाली दल से नाराज चल रहे थे। शेर सिंह ने कहा था कि अगर सुखबीर सिंह बादल पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे तो वो पार्टी में नहीं रहेंगे। शेर सिंह घुबाया का बेटा दविंद्र सिंह घुबाया फाजिल्का से कांग्रेस के विधायक हैं। करीब तीन साल पहले ही शेर सिंह के बेटे ने अकाली दल को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की थी और कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा के चुनाव में फाजिल्का से मैदान में उतारा था। दविंद्र सिंह फाजिल्का से विधायक चुने गये और वो पंजाब विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक हैं।
शेर सिंह घुबाया आगामी लोकसभा का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर फिरोजपुर से लड़ सकते हैं। वहीं अकाली दल की ओर से इस बार सुखबीर सिंह बादल की पत्नी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल फिरोजपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकती हैं। इससे पहले वो फिलहाल बठिंडा से सांसद हैं। पिछले कुछ समय से हरसिमरत कौर बादल के फिरोजपुर क्षेत्र में सक्रिय होने से शेर सिंह का पार्टी से अलग होना तय माना जा रहा था। शेर सिंह घुबाया रायसिख बिरादरी से हैं और फिरोजपुर के क्षेत्र में रायसिख बिरादरी का काफी वोटबैंक है। वहीं सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद हलके से विधायक हैं और ये हलका फिरोजपुर लोकसभा के अंदर आता है।
शेर सिंह घुबाया पिछले दस सालों से फिरोजपुर सीट से सांसद हैं। इससे पहले जलालाबाद विधानसभा सीट से वो तीन बार विधायक रह चुके हैं। शेर सिंह घुबाया का अकाली दल को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होना अकाली दल के लिये बड़ा झटका है। वहीं शेर सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस फिरोजपुर में मजबूत हो सकती है। शेर सिहं दिल्ली मे जब राहुल गांधी से मिले तो उस समय उनके साथ उनके बेेटे दविंद्र सिंह , पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पंजाब की प्रभारी आशा कुमारी मौजूद थे।