भारत की ओर से पाकिस्तान के बालाकोट पर हमले में मारे गये आतंकवादियों को लेकर विपक्ष की ओर से सबूत मांगे जा रहे हैं। उनका जवाब बीजेपी की ओर से दो बड़े नेताओं की ओर से आया है। पहले तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस हमले में 250 से ज्यादा आतंकवादी इसमें मारे गये हैं। वहीं अब देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष को जवाब देते हुये कहा कि हमले से पहले वहां 300 के करीब मोबाइल एक्टिव थे।
अमित शाह के बयान को लेकर विपक्ष हमलावर हुआ कि जब सेना ने आंकड़ा नहीं दिया , सरकार ने कोई आंकड़ा जारी नहीं किया तो फिर अमित शाह के पास क्या सबूत है कि वो कह रहे हैं कि 250 से ज्यादा आतंकवादी मारे गये हैं। अब राजनाथ सिंह जो कि देश के गृहमंत्री हैं वो एक रिपोर्ट के आधार पर कह रहे हैं कि बालाकोट पर हमले से पहले 300 मोबाइल एक्टिव थे।
वहीं विपक्ष के साथ – साथ बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी सबूत को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना की ओर से कहा गया है कि देश को पाकिस्तान में हुये नुक्सान को जानने का हक है। मतलब हर कोई अब सरकार से सबूत मांग रहा है। वहीं सरकार की ओर से सबूत नहीं दिया गया हालांकि दावे किये जा रहे हैं कि इतना नुक्सान हुआ है।
प्रधानमंत्री हर जनसभा में बोल रहे हैं कि विपक्ष सबूत मांग कर सेना का मनोबल गिरा रहा है। सेना ने कहा है कि हमने टारगेट को हिट किया अब सबूत सरकार दे ना दे ये उसके हाथ में है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया और पाकिस्तान इस बात को नकार रहा है कि बालाकोट में कोई भी नहीं मारा गया है।
इस बीच पाकिस्तान में 44 आतंकवादियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जायेगी। इसमें ये कहा जा रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हम्माद अजहर भी शामिल हैं। हालांकि पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शहरयार अफ्रीदी ने कहा है कि इन सबको किसी दबाव के तहत हिरासत में नहीं लिया गया है। उन्होनें कहा कि ये कार्रवाई सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ की गई है।