भारत के वीर जवान अभिनंदन शुक्रवार करीब सवा नौ बजे भारत की धरती पर लौट आये। हालांकि सुबह से ही वीर अभिनंदन का इंतजार किया जा रहा था। इंतजार थोड़ा लंबा जरूर हुआ लेकिन देश का वीर आखिरकार देश पहुंच गया। एक बात बड़ी खास और बहुत बड़ी है वो ये कि जिस अंदाज में अभिनंदन भारत लौटे वो देखने लायक थी। सीना तान कर और चेहरे पर मुस्कान लेकर अभिनंदन ने पाकिस्तान की ओर से भारत में प्रवेश किया। पाकिस्तान की हद में उनके सुरक्षा कर्मियों के बीच खड़े अभिनंदन के हौसले ने पूरे देश का सीना चौड़ा कर दिया।
अभिनंदन की देरी को लेकर हालांकि हमारे देश में तरह तरह की बातें की जा रही थी लेकिन देश का बेटा अगर सही सलामत वापस आ जाता है तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। अभिनंदन के अभिनंदन के लिये पूरा देश पलक पांवड़े बिछा कर इंतजार कर रहा था। सुबह से लेकर जब तक अभिनंदन का चेहरा देख नहीं लिया हर किसी की नजरें वाघा बॉर्डर पर टिकी थी। हर कोई इस इंतजार में था कि देश के बहादुर जवान की सिर्फ एक झलक मिल जाये। जब वो झलक मिली तो देशवासियों के कलेजे को ठंडक मिली।
दरअसल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से अभिनंदन को पहले लाहौर लाया गया और उसके बाद वाघा बॉर्डर पर। वाघा बॉर्डर पर कागजात की औपचारिकता करने के बाद अभिनंदन को भारत की सेना के अधिकारियों को सौंप दिया गया। अभिनंदन के साहस और हौसले की हर कोई तारीफ कर रहा है यानि जो हौसला अभिनंदन ने पाकिस्तान में दिखाया। उस हौसले का हर कोई कायल हो गया और अभिनंदन की वापसी की दुआ करने लगा।
अभिनंदन की रिहाई हालांकि जेनेवा संधि के तहत हुई है लेकिन जिस तरह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने शांति की बात करते हुये अभिनंदन को एक दिन बाद ही छोड़ने की बात की, उसको भी सकारात्मक तरीके से देखा जाना चाहिये। हालांकि अभिनंदन को छोड़ने से पहले एक वीडियो अभिनंदन का जारी किया गया, जो कि पाकिस्तान के मीडिया पर दिखाई दिया। उस वीडियो में ऐसा लग रहा है कि जबरन अभिनंदन से बुलवाया गया।
अभिनंदन की देश वापसी के दिन ही जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में देश के चार जवान और शहीद हो गये। वहीं जम्मू कश्मीर के बडगाम में बीते बुधवार को एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश होने पर शहीद हुए झज्जर के जवान विक्रांत सहरावत और चंडीगढ़ के सिद्दार्थ शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को अंतिम संस्कार हुआ। देश पर मर मिटने वाले शहीदों को नमन।