केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर पाकिस्तान को झटका दिया है। गडकरी के इस ट्वीट में लिखा है कि भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकने का फैसला किया है। गडकरी ने कहा कि इस पानी को पंजाब और जम्मू कश्मीर की तरफ मोड़ दिया जायेगा। दरअसल पुलवामा हमले के बाद ये मांग उठी थी कि भारत को कुछ कड़े फैसले करने होंगे ताकि पाकिस्तान की सरकार को मजबूरी में आतंकियों पर नकेल कसने की कार्रवाई पड़े। भारत ने पुलवामा हमले के बाद पहले मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीना और बाद में वहां से आने वाले सामान पर ड्यूटी 200 प्रतिशत तक बढ़ा दी। गडकरी ने एक और ट्वीट करते हुये कहा कि तीनों नदियों के पानी को दूसरे राज्यों में भी लाया जाएगा। रावी नदी पर शाहपुर-कांदी बांध बनाने का काम शुरू हो चुका है।
दरअसल 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल संधि हुई थी। दोनों देशों के बीच ये संधि विश्व बैंक के हस्तक्षेप से हुई थी। इसके तहत सिंधु नदी घाटी की 6 नदियों जिनमें रावी, ब्यास और सतलुज पर पूरी तरह से भारत और झेलम, चिनाब और सिंधु पर पाकिस्तान का हक होगा। पानी को मोड़ना हालांकि भारत के लिये इतना आसान नहीं है , इसके लिये कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन में जाना पड़ सकता है। आतंक को रोकने के लिये इस तरह के कड़े फैसले पहले ही ले लेने चाहिये थे। जब भी कभी आतंकी हमला होता है तो उस समय इस तरह की मांग उठती है और थोड़े दिन बीत जाने के बाद फिर दब जाती है।