हरियाणा विधानसभा मे शहीदों के लिये रखा गया दो मिनट का मौन…….
हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अभिभाषण के बाद शोक प्रस्ताव पढ़े गये और सदस्यों ने सदन में दो मिनट का मौन रखा तथा दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। सर्व प्रथम सदन के नेता व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शोक प्रस्ताव पढ़े।
सदन में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आंतकवादी हमले में शहीद हुए सी.आर.पी.एफ. के वीर जवानों के दु:खद एवं असामयिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया गया तथा वीरों की शहादत को नमन कर शोक-संतप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की गई। सदन में इस आतंकवादी हमले की कड़ी निन्दा भी गई।
सदन के नेता के बाद विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, निर्दलीय जय प्रकाश तथा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल ने भी शोक संदेश पढ़े और अपनी पार्टी की तरफ से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। सदन में जिनके लिए शोक संदेश पढ़े गये उनमें भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री जॉर्ज फर्र्नांडिस, पूर्व विधायक सरदार जसविंद्र सिंह संधू, भूतपूर्व राज्य मंत्री सीता राम सिंगला व वेद सिंह मलिक शामिल हैं।
इसके अलावा, तीन स्वतंत्रता सेनानियों में जिला गुरुग्राम के गांव कुकरोला के श्री भागमल यादव, भिवानी जिले के गांव धारवाणबास के श्री जुगलाल आर्य तथा हिसार जिले के गांव हसनगढ़ के श्री भलेराम शामिल हैं। इसी प्रकार, मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सेनाओं के 13 शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी गई। इनमें हिसार के विंग कमांडर साहिल गांधी, जींद जिले के गांव दिल्लूवाला के सहायक उप निरीक्षक सतपाल सिंह, रेवाड़ी जिले के गांव नांधा के हवलदार ब्रिजेश कुमार यादव व सिपाही हरि सिंह, करनाल जिले के गांव डिंगर माजरा के हवलदार बलजीत सिंह, झज्जर जिले के हवलदार सुरेश कुमार, सिपाही रामराज व कैलाश चंद्र, चरखी दादरी जिले के नायक शक्ति सिंह व सिपाही राय सिंह, फरीदाबाद जिले के गांव अटाली के संदीप कुमार, हिसार जिले के गांव पुट्ठी मंगलखां के सिपाही रतन सिंह तथा भिवानी जिले के गांव गोपालवास के सिपाही रमेश कुमार शामिल हैं।
सदन में आज झज्जर जिले के रैया गांव के निकट सडक़ दुर्घटना में गांव कासनी के मारे गए एक ही परिवार के पांच सदस्यों नामत: प्रियांशु, सुशीला, रिंकू, वीरेन्द्र व सुनील की हुई मृत्यु पर भी शोक व्यक्त किया गया। बाद में, मुख्यमंत्री व सदन के नेता मनोहर लाल ने पुलवामा में आंतकवादी घटना पर एक निंदा प्रस्ताव सदन में रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। सदन में दो मिनट का मौन रख शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन के सभी सदस्यों ने पुलवामा में आंतकवादी हमले के शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता के लिए अपना एक महीने का वेतन देने की घोषणा भी की।