पुलवामा हमले के 6 दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का इस हमले पर बयान दिया है। ट्रम्प ने कहा कि -‘मेरी सारी चीजों पर नजर है, साथ ही मैंने कई रिपोर्ट्स देखी हैं। सही वक्त आने पर मैं इस पर बयान दूंगा। मुझे खुशी होगी अगर भारत और पाकिस्तान साथ आएं तो।’ हालांकि ट्रम्प ने पुलवामा हमले को भयावह स्थिति बताया है।
ट्रम्प 6 दिन बाद भी कह रहे हैं कि सही वक्त आने पर इस पर बयान दूंगा। मतलब क्या ट्रम्प को अभी भी ये नहीं लगता कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन का हाथ है। ट्रम्प क्या अभी भी चीजों को देख रहे हैं। ट्रम्प ऐसा क्यों कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान को साथ आना चाहिये।
हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग की सह-प्रवक्ता का कहना है कि हमले के लिये जो भी जिम्मेदार है पाकिस्तान को उस पर कार्रवाई करनी चाहिये। वहीं अमेरिका के एनएसए का भी कहना है कि भारत को खुद की सुरक्षा करने का पुरा हक है लेकिन ट्रम्प ने ऐसा क्यों नहीं बोला। क्या इसके पीछे कोई कूटनीति है।
दरअसल ज्यादातर देशों ने पुलवामा हमले की निंदा की है और कहा है कि वो भारत के साथ हैं। पूरा विश्व कहीं ना कहीं आतंकवाद से पीड़ित है। दूसरे देशों को भी लगता है कि आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका ने कैसे ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मारा था ये भी पूरा विश्व जानता है।
आतंकवाद को खत्म करने के लिये सभी देशों को साथ आना होगा। अगर सभी देश खुलकर सामने आते हैं और आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ खड़े होते हैं तो पाकिस्तान पर इसका प्रेशर बनेगा। दरअसल अमेरिका को खुलकर इस मसले पर पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा तभी वहां की सरकार कुछ कर सकती है।